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Nagpur News: कम्प्यूटर कोर्स तैयार, नहीं बना सॉफ्टवेयर , कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
- तय समय के बाद भी विद्यार्थियों को नहीं मिली ‘ई बुकलेट’
- सालभर पहले दिया था परीक्षा परिषद ने आश्वासन
Nagpur News चंद्रकांत चावरे . राज्य परीक्षा परिषद पुणे ने 11 साल पहले विद्यार्थियों को कम्प्यूटर की प्राथमिक शिक्षा व उस आधार पर परीक्षा देने के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया था। इसका नाम जीसीसी-टीबीसी (गवर्नमेंट सर्टिफिकेट कोर्स- टाइपिंग बेसिक कोर्स) है। पुरानी मैन्युअल टाइपिंग मशीन का दौर खत्म होने की कगार पर है। इसलिए विद्यार्थियों के लिए कम्प्यूटर कोर्स शुरू किया गया। इस कोर्स को तैयार करने के बाद परिषद ने विद्यार्थियाें को पाठ्यक्रम की शिक्षा देने के लिए कोई अधिकृत स्टडी मटेरियल तैयार नहीं किया। इसलिए कम्प्यूटर इन्स्टिटयूट को मजबूरी में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए निजी कंपनियों के महंगे स्टडी सॉफ्टवेयर खरीदने पड़ते हैं। दिसंबर 2023 में स्टडी मटेरियल के रूप में ई-बुकलेट तैयार होनेवाली थी। इसे सालभर बीत गया है, लेकिन अब तक यह स्टडी मटेरियल तैयार नहीं हो पाया।
हर साल 12 हजार विद्यार्थी देते हैं परीक्षा : नागपुर जिले में कम्प्यूटर की शिक्षा देनेवाले 200 इन्स्टिटयूट है। इनके माध्यम से हर साल 12000 विद्यार्थियों को कम्प्यूटर शिक्षा मिलती है। साल में दो बार परीक्षाएं होती हैं। छह-छह महीने के दो सत्र होते हैं। एक सत्र में 6000 विद्यार्थी प्रवेश लेकर परीक्षा देते हैं। दूसरे सत्र में 6000 विद्यार्थी परीक्षा देते हैं। परीक्षा परिषद द्वारा ई बुकलेट में ऑब्जेक्टिव परीक्षा, परीक्षा की तैयारी, प्रश्नोत्तर, अभ्यास का तरीका आदि के बारे में जानकारी का समावेश किया जानेवाला था। यह सारी बातें हवा हो चुकी हैं।
विद्यार्थियों की फीस में जुड़ती है राशि : राज्यभर के कम्प्यूटर इन्स्टिट्यूट को निजी कंपनियों के स्टडी सॉफ्टवेयर खरीदकर विद्यार्थियों को शिक्षा देनी पड़ती है। राज्य में 5 निजी कंपनियों द्वारा यह सॉफ्टवेयर मुहैया कराये जाते हैं। इसे खरीदने के लिए इन्स्टिट्यूट को भारी खर्च करना पड़ता था। यह खर्च बाद में विद्यार्थियों की फीस में जोड़कर वसूला जाता है। पिछले 11 साल से यही चल रहा है। हालांकि निजी कंपनियों के सॉफ्टवेयर में गोपनीयता के चलते इन्स्टिट्यूट और विद्यार्थियों को कई बार परेशानी का सामना पड़ता है। सूत्रों के अनुसार जो कंपनियां सॉफ्टवेयर बनाकर बेच रही हैं, वे अनधिकृत हैं।
सॉफ्टवेयर खरीदकर पढ़ाने मजबूर : राज्य शिक्षा विभाग ने 2013 में कम्प्यूटर कोर्स जीसीसी-टीबीसी शुरू किया था। लेकिन इसके लिए कोई अधिकृत स्टडी मटेरियल या सॉफ्टवेयर तैयार नहीं किया है। इस कारण इन्स्टिटयूट को निजी कंपनियों के सॉफ्टवेयर खरीदकर पढ़ाना पड़ता है। दिसंबर 2023 में स्टडी मटेरियल के रूप में ई-बुकलेट तैयार करने का आश्वासन दिया गया था। अब दिसंबर 2024 बीत रहा है। लेकिन परीक्षा परिषद स्टडी मटेरियल तैयार नहीं कर सकी।
बायोमीट्रिक मशीन से होगी उपस्थिति दर्ज : महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद पुणे ने राज्य के सभी कम्प्यूटर इन्स्टिटयूट को नए निर्देश दिये हंै। हाल ही में दिये गए निर्देशानुसार सभी इन्स्टिटयूट को बायोमीट्रिक फेस रिडिंग मशीन द्वारा विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए हंै। इसके अलावा सभी इन्स्टिटयूट में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे परीक्षा में होनेवाली धांधलियों पर रोक लगेगी। एमएससीआईटी काेर्स के इन्स्टिटयूट में जीसीसी-टीबीसी कोर्स के लिए अनधिकृत रूप से दी जानेवाली प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। समिति ने सभी इन्स्टिटूयट में विद्यार्थी संख्या समान हो इसके लिए केंद्रीय प्रवेश पद्धति लागू करने की मांग की है।
Created On :   18 Dec 2024 12:52 PM IST