Nagpur News: जिला परिषद बजट को मुद्रांक शुल्क का इंतजार, इस बार 60 करोड़ के पार रहने का अनुमान

जिला परिषद बजट को मुद्रांक शुल्क का इंतजार, इस बार 60 करोड़ के पार रहने का अनुमान
  • विभागवार मंगाए प्रस्ताव
  • जिला परिषद बजट को मुद्रांक शुल्क का इंतजार

Nagpur News. केंद्र और राज्य सरकार ने बजट पेश कर दिया। जिला परिषद के बजट को मुद्रांक शुल्क की रकम मिलने का इंतजार है। आमतौर पर फरवरी महीने में जिला परिषद का बजट पेश किया जाता है। राज्य सरकार पर जिला परिषद का मुद्रांक शुल्क सवा सौ करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने वित्त विभाग से जिप का बकाया मुद्रांक शुल्क दिलाने की हामी भरी। मुद्रांक शुल्क की रकम मिलने पर निधि का प्रावधान करने की दृष्टि से बजट को अंतिम रूप नहीं दिए जाने की सूत्रों ने जानकारी दी।

प्रशासक महामुनि पेश करेंगे बजट

जिला परिषद का कार्यकाल 17 जनवरी को समाप्त हो गया। सीईओ को जिला परिषद का प्रशासक नियुक्त किया गया है। प्रशासक को जिला परिषद के संपूर्ण अधिकार प्राप्त है। सीईओ अधिकार का उपयोग कर आगामी वित्तीय वर्ष 2025-2026 का बजट और वित्तीय वर्ष 2024-2025 का संशोधित बजट पेश करेंगे।

अगले सप्ताह पेश हो सकता है : सूत्रों ने बताया कि मुद्रांक शुल्क का बकाया मिलने की आस में बजट को अंतिम रूप नहीं दिया गया। मुद्रांक शुल्क अदा करने के राज्य सरकार से संकेत मिलने के कारण इंतजार किया जा रहा है। मुद्रांक शुल्क की स्थिति साफ होने पर संभवता अगले सप्ताह बजट पेश कर दिया जाएगा। मुद्रांक शुल्क नहीं मिलने पर आगामी वित्तीय वर्ष का बजट 40 करोड़ के इर्द-गिर्द रहने पेश किया जा सकता है।

बजट तैयार करने में जुटा प्रशासन

जिला परिषद का आगामी वित्तीय वर्ष का बजट तैयार करने में प्रशासन जुटा हुआ है। सभी विभागों से निधि की मांग के प्रस्ताव मंगवाए गए। जिप के आय-व्यय का तालमेल बैठाकर बजट तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। सूत्रों के अनुसार बकाया मुद्रांक शुल्क प्राप्त होने के इंतजार में बजट को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। मुद्रांक शुल्क की रकम मिलने पर पहले के मुकाबले डेढ़ गुना यानी आगामी िवत्तीय वर्ष का बजट 60 करोड़ के पार जा सकता है।

गत वर्ष 42.35 करोड़ का बजट

वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 42 करोड़, 35 लाख का बजट रहा। साल 2023-2024 का संशोधित बजट के मुकाबले गत वर्ष के बजट में शिक्षा और समाज कल्याण विभाग की िनधि मंजूरी में कटौती कर शिक्षा विभाग के लिए 3.70 करोड़ और समाज कल्याण विभाग के लिए 4.60 करोड़ निधि का प्रावधान किया गया था। दिव्यांग कल्याण योजना पर 1.15 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। पिछड़े वर्ग के किसानों को पीवीसी पाइप की नई योजना पर 20 लाख रुपए, हेल्थ इंजीनियरिंग के लिए 4.60 करोड़, पर्यटन व तीर्थस्थलों के विकास के लिए पहली बार बजट में निधि का प्रावधान किया था। सदस्य विकास निधि में 7.25 करोड़ और वन संरक्षण के लिए 10 लाख रुपए निधि का प्रावधान गत वर्ष के बजट की विशेषता रही। तत्कालीन वित्त सभापति राजकुमार कुसुंबे ने बजट पेश किया था।



Created On :   2 March 2025 7:51 PM IST

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