Nagpur News: जंगल सफारी के पहले दिन ही बाघिन का दीदार , तीन शावको के साथ घूमते दिखी टी-62

  • पेंच जंगल सफारी के पहले दिन उमड़े पर्यटक
  • दोपहर तक 23 जिप्सी पहुंची जंगल
  • पेंच व्याघ्र प्रकल्प सैलानियों के लिए शुरू

Nagpur News जंगल घूमनेवाले शौकीनों का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। मंगलवार से यानी 1 अक्तूबर से पेंच व्याघ्र प्रकल्प सैलानियों के लिए शुरू कर दिया गया। सबसे ज्यादा भीड़ सिल्लारी गेट पर देखने मिली। सुबह के वक्त कुल 23 जिप्सियां जंगल के भीतर सैलानियों को लेकर गई। जंगल सफारी के पहले ही दिन बाघिन व उसके 3 शावकों का दीदार हो सका। जो हर किसी के लिए आकर्षण का केन्द्र बना रहा । इसके अलावा हिरण से लेकर बायसन तक वन्यजीव देखने मिले। तेंदुआ व हिरण भी पर्यटकों के लिए आकर्षण रहा। यहां से अब बारिश तक जंगल सफारी का लुत्फ उठानेवालों की नियमित चहल-पहल रहेगी। बारिश में कीचड़ के कारण जंगल सफारी का लुत्फ उठाया नहीं जा सकता इसलिए 3 से 4 महिनों तक जंगल सफारी बंद रहती है।

उल्लेखनीय है कि विदर्भ का पेंच व्याघ्र प्रकल्प वन परिक्षेत्र कुल 741.22 वर्ग किलोमी़टर में फैला जंगल है। जिसमें 311.10 बफर क्षेत्र हैं। 430.12 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र कोर एरिया है। यहां बाघों की संख्या देखें तो 53 बाघ हैं। पेंच में कुल 8 गेट हैं, जहां से सफारी के लिए प्रवेश दिया जाता है। जिसमें सिल्लारी, खुर्सापार, कोलीतमारा, पवनी, खुबाडा, सुरेवानी, नागलवाडी आदि शामिल हैं। अलग-अलग गेट से पर्यटक यहां सैर करने आते हैं। एक गेट से भीतर आते हैं और दूसरे गेट से बाहर निकलते हुए जंगल की हरियाली के साथ वन्यजीवों को देखने का लुत्फ पर्यटक उठाते हैं। यहां वन्यजीवों में सबसे प्रमुख बाघों की संख्या 44 पर है। ऐसे में आसानी से बाघ देखने मिलने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता । इसके अलावा तेंदुआ, जंगली श्वान, भालू के अलावा मुख्य आकर्षण चांदी भालू भी है। जो आसानी से देखने मिलते हैं।

बफर व कोर एरिया में कच्ची सड़कों से बारिश के दिनों में कीचड़ हो जाता है। ऐसे में सफारी की जिप्सी फंसने की आशंका हर वक्त बनी रहती है। परिणामस्वरूप जून से सितंबर माह तक बहुत कम बार इसे खोला जाता है। लेकिन सितंबर तक बारिश खत्म होने से इसे 1 अक्टूबर से पुन: शुरु किया जाता है। इस बार भी1 अक्बटूर से सफारी को शुरू कर दिया है। बारिश के कारण जंगल के कुछ गेट के रास्तों की हालत खराब है, ऐसे में बाकी गेट को अभी 15 अक्बटूर तक बंद रखा जाएगा लेकिन सिल्लारी व खुर्सापार को शुरू किया गया है। ऐसे में पहले दिन सिल्लारी में सैलानियों को भीड़ देखते ही बन रही थी। सुबह 9 बजे से शुरू हुई सफारी में दोपहर तक डेढ़ सौ के करीब लोगों ने जंगल सफारी का लुत्फ उठाया है। बताया गया कि, लगभग सभी घूमनेवालों को पहले दिन ही टाइगर का दीदार होने से सभी खुश थे। टी-62 बाघिन अपने शावकों के साथ जंगल में घूमते दिखाई दी। पहले दिन ही बाघिन का दीदार होने से हर कोई खुश था। खुर्सापार गेट पर रौनक कम नजर आई। लेकिन यहां भी घूमनेवालों ने तेदुओं से लेकर अन्य वन्यजीवों का दीदार कर लिया।

Created On :   1 Oct 2024 9:35 AM GMT

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