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Nagpur News: इस बार तो बाघ से ज्यादा इंसानों पर हुए सांप के हमले, 171 मामलों में 8 की मौत
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- सरल वाइपर से काटने की घटना ज्यादा
- सर्पदंश से मरने वालों की संख्या बाघों के हमले में प्राण गंवाने वालों से इस वर्ष कुछ ज्यादा है
- झाड़-फूंक के चक्कर में जा रही जान
Nagpur News. बाघ व सांप को वन्यजीव श्रेणी में रखा गया है। बाघ की दहशत से लोग खौफजदा हैं, लेकिन सांप का डर भी कम नहीं। तुलनात्मक रूप से देखें तो सर्पदंश से मरने वालों की संख्या बाघों के हमले में प्राण गंवाने वालों से इस वर्ष कुछ ज्यादा है। सांपों के बचाव पर कार्य करने वाली वाइल्ड लाइफ वेलफेयर सोसायटी द्वारा मिले आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में करीब 171 लोगों को विभिन्न प्रजाति के सांपों ने काटा है। 8 लोगों की मौत हुई है।
बड़ा कारण यह माना जा रहा है : नागपुर जिले में न केवल ग्रामीण क्षेत्र बल्कि शहरी क्षेत्र मे भी सर्पदंश के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मुख्य कारण इंसानी बस्तियां जंगल के पास जाकर बस रही हैं। वहीं नाले के पास भी कई बस्तियां बस चुकी हैं। ऐसे में रात को फर्श पर सोने वाले लोगों में सर्पदंश के अधिक होते हैं। इसमें अधिकतम सांप काटने की घटना मासूम बच्चों के साथ हो रही है।
सरल वाइपर से काटने की घटना ज्यादा : सर्पदंश की बात करें तो ज्यादातर मामले रसल वाइपर नामक जहरीले सांप के काटने से हुए हैं। कुल 88 मामले हैं, जिसमें 3 की मौत हुई हैं। दरअसल इस प्रजाति का सांप अक्सर रात को शिकार की तलाश में निकलता है, बारिश या ठंड में वह सूखी व गर्म जगह की तलाश में रहता है। जिससे कई बार घरों में घुसकर जमीन पर सो रहे लोगों के बिस्तर में घुसते वक्त चहल-पहल होने पर उन्हें काट देता है। इसके अलावा शहर में कई इलाकों में कोब्रा जहरीले सांप भी मौजूद हैं। इनके काटने पर भी 4 लोगों की मौत दर्ज की गई है।
झाड़-फूंक के चक्कर में जा रही जान : बताया गया कि इन मौतों में और भी 4 लोगों की मौत दर्ज है, जिन्होंने झाड़-फूंक कराई थी। दवाईयां नहीं लेने से इनकी मौत हुई थी। संस्था के सदस्य नितिश भांदक्कर ने बताया कि, उनकी ओर से अवेयरनेस के लिए कई बार गांव गांव जाकर कार्यक्रम लिये जाते हैं। उनके साथ गौरांग वाइकर, साहिल शरणागत, निखिल जामनिक, प्रविण तुले, शुभम ठाकुर मदद करते हैं।
Created On :   29 Dec 2024 8:47 PM IST