Nagpur News: इस बार सोशल मीडिया ने घटाई चुनावी सामग्री की डिमांड

इस बार सोशल मीडिया ने घटाई चुनावी सामग्री की डिमांड
  • 50% कम हुई मांग, चुनाव के दौरान 30-40 करोड़ का होता है व्यापार
  • मुख्य पार्टियों के झंडे व बैनर रहते हैं तैयार
  • निर्दलीयों को आर्डर देकर बनवाना पड़ता है

Nagpur News राज्यभर में विधानसभा चुनाव का प्रचार जोर-शोर से जारी है। चुनाव में प्रचार के लिए बैनर-पोस्टर के साथ ही झंडे, दुपट्टे, मफलर, बिल्ला, टोपी, कटआऊट अादि की भी जरूरत पड़ती है। इस साल भी शहर में थोक विक्रेताओं द्वारा भारी मात्रा में इन चुनावी सामग्री की बिक्री की जा रही है। चुनावी सामग्री के होलसेल व्यापारियों के अनुसार सोशल मीडिया के आने से चुनावी सामग्री की मांग 50 प्रतिशत तक कम हुई है। विधानसभा चुनाव के दौरान 30 से 40 करोड़ का व्यापार होता है।

शहर में चुनावी सामग्री के 4-5 थोक विक्रेता हैं। चुनाव के दौरान उनकी व्यस्तता काफी बढ़ जाती है। शहर में झंडे और दुपट्टे का मुख्य बाजार इतवारी में है। चुनावी सामग्री के थोक विक्रेता गिरीश लिलाडिया ने बताया कि, विधानसभा चुनाव के दौरान नागपुर से मराठवाड़ा तक चुनावी सामग्री की आपूर्ति की जाती है। चुनावी द्वंद में प्रमुख पार्टियाें की संख्या 7 है, इन पार्टियों की सामग्री पहले से तैयार रहती है, जबकि निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनावी सामग्री के लिए आर्डर देना होता है।

दिल्ली, मुंबई, गुजरात से आता है माल : चुनावी सामग्री की आपूर्ति दिल्ली, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद से होती है। नागपुर में भी कुछ सामान तैयार किया जाता है। पार्टियों के झंडे 3 से 100 रुपए तक की रेंज में मिलते हैं। 1 से 50 रुपए के बीच मफलर, 50 पैसे से 15 रुपए की रेंज में बिल्ला, 45 से 100 रुपए की रेंज में कटआऊट मिल जाते हैं। टोपी भी 2 से 200 रुपए तक की रेंज में उपलब्ध है।

90 प्रतिशत घटी झंडे की बिक्री : लिलाडिया ने बताया कि, अब लोग अपने घरों पर पार्टियों के झंडे लगाना पसंद नहीं करते हैं। मतदाता अपने मन की बात किसी को जाहिर नहीं करना चाहते हैं, इसी कारण झंडे की बिक्री 90 प्रतिशत घट गई है।

Created On :   15 Nov 2024 1:15 PM IST

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