Nagpur News: दोषी कौन - 8 दिन में ही 99 शिकायतें, 2 बार मंत्री के कॉटेज में शौचालय ब्लॉक

दोषी कौन - 8 दिन में ही 99 शिकायतें, 2 बार मंत्री के कॉटेज में शौचालय ब्लॉक
  • बिजली-पानी आपूर्ति में दिक्कत
  • सफाई में लापरवाही - टीवी, वाई-फाई पासवर्ड की समस्या बनी रही

Nagpur News : विधानमंडल के 8 दिन के शीतकालीन सत्र में विधायकों, अधिकारियों और स्टाफ की क्यूआर कोड व्यवस्था में 99 शिकायतें मिली हैं। इनमें से अधिकतर बिजली, पानी आपूर्ति में दिक्कत, सफाई की व्यवस्था और टीवी, वाई फाई के पासवर्ड से संबंधित रही है। 14 से 22 दिसंबर तक सभी शिकायतों का प्रभावी रूप से निराकरण भी किया गया। इस मर्तबा के अधिवेशन की विशेषता यह रही है, कि एमएलए होस्टल में कोई भी बड़ी समस्या नहीं हुई, वहीं 18 दिसंबर और 20 दिसंबर को एक भी समस्या की शिकायत नहीं मिली है। ऐसे में क्यूआर कोड व्यवस्था से राज्य भर के विधायकों और स्टाफ ने भी समाधान व्यक्त किया है।

एमएलए होस्टल में शिकायतें

एमएलए होस्टल में पंखे, नल के लीकेज, गीजर के काम नहीं करने के काम करने को लेकर अधिक समस्या सामने आई हैं। 8 दिनों में विधायक निवास के कमरों में बिजली के उपकरणों की खराबी और गर्म पानी को लेकर दिक्कत आई है, लेकिन शौचालय के ब्लॉक होने को लेकर एक भी शिकायत नहीं मिली है। वहीं दूसरी ओर रवि भवन के मंत्रियों के कॉटेज क्रमांक 12 में 16 दिसंबर और कॉटेज क्रमांक 17 में 19 दिसंबर को टायलेट ब्लॉक को लेकर शिकायत मिली है। विधानमंडल के शीतसत्र में लोकनिर्माण विभाग ने मंत्रियों, विधायकों और विधानभवन के कर्मचारियों की समस्या को लेकर क्यूआर कोड आधारित प्रणाली को लागू किया था। 14 दिसंबर से 22 दिसंबर तक रविभवन, विधायक निवास, 160 गाले समेत विधानभवन समेत अनेक इमारतों को प्रणाली से जोड़ा गया था। इस प्रणाली में 8 दिनों में कुल 99 शिकायतें दर्ज कर लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों ने पूर्ण समाधान किया। अधिकतर शिकायतों में टीवी और वाईफाई का कनेक्शन की रही है। मंत्री और विधायकों के स्टाफ ने वाईफाई पासवर्ड को पाने के लिए अनेक मर्तबा क्यू आर कोड को स्कैन कर एक ही शिकायत को कई मर्तबा दर्ज कराया।

अलर्ट रही पूरी व्यवस्था : विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन के लिए क्यूआर कोड को अधिकारियों के वाटस ऐप ग्रुप से जोड़ा गया। इस ग्रुप में सभी उप अभियंता, कनिष्ठ अभियंता और जिम्मेदार कर्मचारियों को जोड़ा गया। पूरी व्यवस्था का सदर में मुख्यालय बनाया गया था। सारी शिकायतों को लेकर रजिस्टर में दर्ज कर पूरा विवरण भी लिखा गया है। इसके बाद कंट्रोल रूम से क्यूआर कोड से दर्ज शिकायत को संबंधित अधिकारी को भेजा जाता है। बिजली, पानी आपूर्ति, सफाई समेत अन्य समस्या को क्लिक करने पर तत्काल संबंधित अभियंता वाट्सएप ग्रुप पर निराकरण को डालकर सूचना भी देता रहा। हाईटेक व्यवस्था से समन्वय और समस्या का निराकरण प्रभावी रूप से हुआ।

सभी इमारतों को जोड़ा

शीतकालीन अधिवेशन के दौरान लोकनिर्माण विभाग ने क्यूआर कोड को विधानभवन के मुख्य गेट के साथ ही अन्य इमारतों में भी लगाया था। विधायकों को मोबाइल पर क्यूआर कोड को स्कैन करते ही गूगल मैप के साथ सभी सेवाओं से संबंधित अधिकारी जुड़े रहे। मंत्रियों के बंगले वाले हाईप्रोफाइल रविभवन परिसर में 68 सीसीटीवी कैमरे और 2 सेवा वाले क्यूआर कोड लगाए गए थे। क्यूआर कोड को स्कैन कर गूगल मैप की सहायता से विधानभवन, मुख्यमंत्री सचिवालय समेत प्रमुख इमारतों और कार्यालयों की जानकारी भी जोड़ी गई थी। इसके साथ ही विधायकों के कमरों में बिजली पानी समेत अन्य परेशानी को लेकर शिकायत को भी जोड़ा गया था। क्यूआर कोड को स्कैन करते ही हाउसकीपिंग, इलेक्ट्रिक और सिविल कामों से संबंधित परेशानी को दर्ज कराई गई। क्यूआर कोड सिस्टम से विधायक निवास के 388 कमरे, रविभवन के 30 काटेज, 4 इमारत, विरोधी पक्ष नेता के 2 बंगले, उपमुख्यमंत्री के 2 बंगले, नागभवन के 16 काटेज, हैदराबाद हाउस के 12 बैरक जुड़े रहे।

शिकायतों का पूरा समाधान किया

अभिजीत कुचेवार, कार्यकारी अभियंता, लोकनिर्माण विभाग क्रमांक 1 के मुताबिक क्यूआर कोड आधारित व्यवस्था से विधानमंडल अधिवेशन में जिम्मेदारी के साथ समस्या निराकरण करने में सुविधा हुई। वाट्सएप ग्रुप से जुड़े जिम्मेदार अधिकारी से समस्या का निराकरण कर फीडबैक लेने में आसानी रही। इस मर्तबा मामूली शिकायतों के अलावा कोई भी दिक्कत अथवा परेशानी नहीं हुई। हाईटेक प्रणाली से समस्याओं की तत्काल पहचान और समाधान में सुविधा रही। विधायकों और स्टाफ ने भी व्यवस्था आर शिकायतों के पूर्ण समाधान पर संतोष व्यक्त किया है।



Created On :   23 Dec 2024 7:43 PM IST

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