Nagpur News: दटके के स्थान पर एमएलसी बनने के इच्छुक हैं तमाम, सवाल - नागपुर को प्रतिनिधित्व मिलेगा या नहीं

दटके के स्थान पर एमएलसी बनने के इच्छुक हैं तमाम, सवाल - नागपुर को प्रतिनिधित्व मिलेगा या नहीं
  • एक वर्ष का ही रहेगा कार्यकाल
  • खास तीन चेहरों को आस

Nagpur News. विधानपरिषद की रिक्त सीट पर प्रवीण दटके के स्थान पर एमएलसी बनने के लिए भाजपा में इच्छुकों की कमी नहीं है, लेकिन विविध स्थितियों व राजनीतिक परिस्थितियांे का आकलन करते हुए कुछ इच्छुकों में उत्साह नहीं दिख रहा है। 27 मार्च को चुनाव होंगे। इससे पहले भाजपा व उसके मित्रदलों के बीच इस विषय को लेकर बैठक होगी। अहम सवाल यह भी है कि इस बार नागपुर को प्रतिनिधित्व मिल पाएगा या नहीं।

एक वर्ष का ही रहेगा कार्यकाल

दटके के स्थान पर चुने जाने वाले विधानपरिषद सदस्य का कार्यकाल एक वर्ष का ही रहेगा। 14 मई 2020 को दटके विधानपरिषद सदस्य चुने गए थे। विधानपरिषद सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष का रहता है। 13 मई 2026 तक दटके का कार्यकाल था, लेकिन इसी वर्ष मध्य नागपुर से दटके विधानसभा चुनाव जीते हैं। वे जिस सीट से विधानपरिषद में प्रतिनिधित्व करते रहे उसके चुनाव में विधानसभा सदस्य मतदान करते हैं। भाजपा के 132 विधानसभा सदस्य हैं। विधानपरिषद सदस्य पद के उम्मीदवार चयन के लिए जिन विषयों पर ध्यान दिया जाता है उनमें सामाजिक, राजनीतिक व संगठनात्मक समायोजन के अलावा सिफारिश या भविष्य की रणनीति का भी विचार किया जाता है।

इच्छुकों की भरमार : विधानपरिषद सदस्य बनने के लिए भाजपा में ही इच्छुकों की भरमार है। संदीप जोशी, सुधाकर कोहले, दयाशंकर तिवारी, वीरेंद्र कुकरेजा, संदीप गवई, संजय भेंडे, जयप्रकाश गुप्ता, अविनाश ठाकरे, राजीव पोतदार, राजू पारवे, मलिकार्जुन रेड्डी सहित कई नाम अक्सर चर्चा में रहे हैं। ये वे जनप्रतिनिधि हैं, जो जिले में भाजपा के प्रभावी नेता माने जाते हैं, सत्ता की राजनीति में इनके समायोजन की मांग की जाती रही है। सबसे समर्थन में अलग अलग दावे हैं।

खास तीन चेहरों को आस

महापौर रहे संदीप जोशी व दयाशंकर तिवारी का विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी नहीं मिल पाई थी, तब उनके समर्थकों ने प्रदर्शन कर मांग की थी कि विधानपरिषद चुनाव में इन्हें मौका दिया जाना चाहिए। वीरेंद्र कुकरेजा का नाम उस समय भी चर्चा में था जब नागपुर स्थानीय निकाय संस्था सीट के लिए चंद्रशेखर बावनकुले की उम्मीवारी घोषित की गई थी। विविध चुनावोें में कुकरेजा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उद्योग-व्यापार के प्रतिनिधि के तौर पर कुकरेजा की दावेदारी मजबूत रही है। लंबे समय तक कांग्रेस में रहे जयप्रकाश गुप्ता को भाजपा में सत्ता की राजनीति में समायोजित करने का प्रयास किया जा रहा है।

ग्रामीण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व

यह भी माना जा रहा है कि इस चुनाव में जिले के ग्रामीण क्षेत्र को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। राजू पारवे ने उमरेड में निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी की थी। उन्हें भाजपा में प्रवेश दिलाते समय वादा किया गया कि पारवे का त्याग भुलाया नहीं जाएगा। उन्हें भाजपा बड़ा पद देगी। जिला अध्यक्ष सुधाकर कोहले विधानसभा चुनाव में पराजित हुए। विधानपरिषद के लिए उनका भी दावा कायम है। उधर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राजीव पोतदार, रामटेक के पूर्व विधायक मलिकार्जुन रेड्डी से लेकर पूर्व जिला अध्यक्ष अरविंद गजभिए का भी नाम चर्चा में लाया जा रहा है, लेकिन यह भी संभावना है कि इस बार नागपुर जिले के बजाय विदर्भ के अन्य जिले से विधानपरिषद सदस्य चुना जाएगा। भाजपा के बजाय महायुति के मित्रदल को भी यह सीट दी जा सकती है। उम्मीदवारी की अनिश्चितता और कम कार्यकाल के कारण कुछ इच्छुकों का उत्साह कम है।


Created On :   4 March 2025 5:45 PM IST

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