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Nagpur News: उम्मीदवार की हाईकोर्ट में याचिका, विवादित मेडिकल रिपोर्ट रद्द करने की मांग
![उम्मीदवार की हाईकोर्ट में याचिका, विवादित मेडिकल रिपोर्ट रद्द करने की मांग उम्मीदवार की हाईकोर्ट में याचिका, विवादित मेडिकल रिपोर्ट रद्द करने की मांग](https://www.bhaskarhindi.com/h-upload/2025/02/10/1402190-1.webp)
- शारीरिक परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण
- कोर्ट ने कहा-यह तर्कसंगत नहीं
Nagpur News. जन्मजात चिह्न या निशान (बर्थ मार्क) के आधार पर सीआरपीएफ (जीडी) पद के लिए अयोग्य घोषित करने के ग्रुप सेंटर सीआरपीएफ नागपुर के निर्णय को एक उम्मीदवार युवती ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी है। याचिका में युवती ने विवादित मेडिकल जांच रिपोर्ट रद्द करने और उचित न्याय देने की भी मांग की है।
शारीरिक परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण
अमरावती जिले के निवासी प्रसन्ना डालू ने नागपुर खंडपीठ में यह याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने सीआरपीएफ (जीडी) के पद के लिए फॉर्म भरा था। 27 फरवरी 2024 को हुई लिखित परीक्षा याचिकाकर्ता ने 143.57 अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इसके बाद याचिकाकर्ता को 19 अक्टूबर 2024 को शारीरिक परीक्षा के लिए बुलाया। याचिकाकर्ता ने सेना द्वारा निर्धारित मापदंडों के नियमों और शर्तों के अनुसार शारीरिक परीक्षा में सफलतापूर्वक उत्तीर्णता प्राप्त की। इसके बाद याचिकाकर्ता को डीआईजीपी ग्रुप सेंटर, सीआरपीएफ नागपुर द्वारा मेडिकल जांच के लिए बुलाया गया। परीक्षण के बाद याचिकाकर्ता को हल्का डीएनएस, हाइपर पिग्मेंटेड निशान, अधिक वजन और अत्यधिक भीड़भाड़ वाले दांत इस आधार पर अयोग्य घोषित किया गया। साथ ही याचिकाकर्ता को पुनः चिकित्सा परीक्षा के लिए एम्स, नागपुर से संपर्क करने का निर्देश दिया गया।
इस कारण अयोग्य घोषित किया
एम्स ने याचिकाकर्ता की जांच कर 25 अक्टूबर 2024 को मेडिकल रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार ‘वेरुकस एपिडर्मल नेवस’ यानी जन्मजात चिह्न के आधार पर सीआरपीएफ नागपुर ने याचिकाकर्ता को अयोग्य घोषित किया। इस फैसले को याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाकर्ता का कहना है कि, सिर्फ जन्मजात चिह्न के आधार पर अयोग्य ठहराना पर्याप्त नहीं है। इसलिए सीआरपीएफ नागपुर द्वारा 26 अक्टूबर 2024 को दी गई विवादित मेडिकल जांच रिपोर्ट रद्द करने मांग याचिका में की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. स्वप्निल वानखडे ने पैरवी की।
कोर्ट ने कहा-यह तर्कसंगत नहीं
याचिका पर न्या. अविनाश घरोटे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, याचिकाकर्ता को सीआरपीएफ (जीडी) पद के लिए अयाेग्य घोषित किया गया है, जिसका कारण मेडिकल रिपोर्ट है। रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता "वेरुकस एपिडर्मल नेवस-" नामक बीमारी से पीड़ित है, जो युद्धक उपकरण (कॉम्बैट गियर) पहनने में बाधा उत्पन्न कर सकती है। हालांकि, इस संदर्भ में कोई वास्तविक परीक्षण किया गया प्रतीत नहीं होता, जिससे यह निर्धारित किया जा सके कि युद्धक उपकरण पहनने से वास्तव में याचिकाकर्ता की कार्यक्षमता प्रभावित होती है या नहीं। इस कारण, याचिकाकर्ता को अयोग्य घोषित किया जाना तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता। इसलिए कोर्ट ने सीआरपीएफ महानिदेशक और सीआरपीएफ नागपुर को आदेश दिया है कि रिव्यू मेडिकल बोर्ड गठित किया जाए और याचिकाकर्ता को वास्तव में कॉम्बैट गियर पहनाकर परीक्षण किया जाए। इस परीक्षण के आधार पर नई मेडिकल रिपोर्ट तैयार कर 18 फरवरी को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें।
Created On :   10 Feb 2025 6:37 PM IST