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Nagpur News: बजट पास होते रहे, अधूरी रह गई विकास मंडल की आस

- क्षेत्रीय विकास का अध्ययन ही नहीं
- विदर्भ-मराठवाड़ा के पिछड़े क्षेत्रों के कैसे बदलेंगे हालात
Nagpur News विदर्भ वैधानिक विकास मंडल का पुनर्गठन लंबित है। बजट पास होते रहे, लेकिन विकास मंडल की आस अधूरी ही रही। विकास मंडल के प्रस्तावों व सिफारिशों का प्रतिबिंब बजट में दिखता था, लेकिन राज्य सरकार का यह 6वां बजट होगा, जो क्षेत्रीय विकास की स्थिति के अध्ययन के बिना पास होगा। खास बात है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विदर्भवादी आंदोलक रहे हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व की आघाड़ी सरकार के अंतिम कैबिनेट में विदर्भ वैधानिक विकास मंडल के पुनर्गठन का प्रस्ताव था। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व की सरकार के पहले कैबिनेट में इस मंडल के पुनर्गठन व विस्तार की घोषणा की गई। विकास मंडल पुनर्गठन में विलंब का मामला न्यायालय में पहुंच गया है। राज्य सरकार ने जवाब दिया है कि उसने केंद्र को प्रस्ताव भेजा है पर केंद्र ने निर्णय नहीं लिया है।
संतुलित विकास का लक्ष्य : राज्य संतुलित विकास के लिए सितंबर 1994 में शरद पवार के मुख्यमंत्री कार्यकाल में 3 वैधानिक मंडल का गठन किया गया। 1995 से 5 वर्षों में मंडल की समयावधि बढ़ायी जाती रही। 30 अप्रैल 2020 को मंडल की अवधि समाप्त हुई। कोरोना संक्रमण काल में तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार ने मंडल की अवधि नहीं बढ़ाई। उसके बाद समयावधि बढ़ाने के लिए न्यायालय में याचिका दाखिल की गई। 27 सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बैठक में मंडल की अवधि बढ़ाने को मंजूरी दी गई। लगभग 11 वर्ष बाद वैधानिक शब्द बहाल किया गया। राज्य सरकार ने इस संबंध में प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा, लेकिन प्रस्ताव पर निर्णय नहीं हुआ। विकास मंडलों की बहाली की मांग करते हुए विदर्भवादी नितीन रोंघे बनाम भारत सरकार और अन्य द्वारा बांबे उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका पीआईएल संख्या 07,2021 दायर की गई है।
सरकार का पक्ष : विदर्भ वैधानिक विकास मंडल की अवधि बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने मंजूरी दी है, लेकिन अधिसूचना जारी करने का अधिकार केंद्र सरकार के गृहविभाग को है। राज्य सरकार व राज्यपाल ने इस संबंध में बार-बार केंद्र सरकार से पत्र व्यवहार किया है। लेकिन केंद्र सरकार ने प्रतिसाद नहीं दिया है।
वादे और दावे : अक्टूबर 2020 में महाविकास आघाड़ी सरकार में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विदर्भ वैधानिक मंडल के पुनर्गठन को लेकर राजनीतिक गुगली फेंकी। पवार ने कहा- विधानपरिषद के 12 सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में राज्यपाल जब निर्णय लेंगे, तब वैधानिक मंडल का पुनर्गठन किया जाएगा। बाद में एकनाथ शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा-मंडल का पुनर्गठन करेंगे, लेकिन यह भी जान लें कि क्षेत्रीय विकास के अध्ययन व जानकारी के लिए सरकार के पास और भी माध्यम हैं। संतुलित क्षेत्र विकास किया जा रहा है।
साझा कार्यक्रम तो नहीं : सीएम फडणवीस, उपमुख्यमंत्री शिंदे व उपमुख्यमंत्री अजित पवार को साझा कार्यक्रम तो नहीं है कि क्षेत्रीय विकास मंडल का पुनर्गठन नहीं करना है। मंडल के बिना निधि का प्रावधान व वितरण किया जा रहा है। 1984 में मंडल गठन का प्रस्ताव तैयार हुआ, 10 वर्ष बाद पारित हुआ। मंडल को लेकर सरकार की उदासीनता का इतिहास रहा है। -नितीन रोंघे, याचिकाकर्ता
हर क्षेत्र का विकास : देवेंद्र फडणवीस के पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल से ही राज्य में विकास की गति बढ़ी है। राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। विदर्भ में औद्योगिक निवेश के अलावा सिंचाई व्यवस्था में काफी बढ़ोतरी हुई है। हर क्षेत्र का विकास हो रहा है। विकास मंडल का पुनर्गठन भी जल्द हो जाएगा। -धर्मपाल मेश्राम, उपाध्यक्ष भाजपा महाराष्ट्र
सदन में मुद्दा उठाएंगे : विकास मंडलों का मुद्दा विधानसभा में उठाया जाएगा। वर्ष 2020 में विदर्भ वैधानिक मंडल की अवधि बढ़ाने के समय में मैंने ऊर्जामंत्री पद पर रहते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजने का निवेदन किया था। तत्कालीन सरकार ने विकास मंडल की अवधि बढ़ाने का निर्णय भी लिया, लेकिन वर्तमान सरकार केवल योजनाओं का प्रचार कर रही है। -नितीन राऊत, कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री
Created On :   6 March 2025 1:33 PM IST