Nagpur News: अवैध उत्खनन का गोरखधंधा राजस्व को भारी नुकसान, क्रशर मशीनों से निकाली जा रही है मुरुम

अवैध उत्खनन का गोरखधंधा राजस्व को भारी नुकसान, क्रशर मशीनों से निकाली जा रही है मुरुम
  • सरकार को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हो रही है
  • अवैध उत्खनन का गोरखधंधा जारी

Nagpur News. भारत प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध देश है, लेकिन कुछ लोग इन संसाधनों का अवैध दोहन कर रहे हैं, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि सरकार को भी करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हो रही है। ऐसा ही एक मामला नागपुर जिले के तहसील नागपुर के दवलामेटी, लावा, खडगांव, सुराबर्डी और वड़धामना तथा आसपास के ग्रामीण में सामने आया है, जहां अवैध उत्खनन और क्रशर मशीनों के माध्यम से सालों से जमीन से मुरूम निकाली जा रही है।

सरकारी उदासीनता

तहसीलदार बाबासाहब टेले के मुताबिक नायब तहसीलदार को निगरानी का आदेश दिया है। सोमवार से राउंड मारकर जांच करूंगा।

बिना अनुमति के कर रहे कारोबार

खडगांव, लावा, दवलामेटी, दुग्धामना, सुराबर्डी गांव में 25 से ऊपर क्रशर व्यवसायी सक्रिय हैं, जिनमें से केवल कुछ ही ने ग्राम पंचायत, खनन विभाग और प्रदुषण विभाग से अनुमति ली है। लावा ग्राम पंचायत के 3 क्रशर व्यावसायियों ने पंचायत को कर चुकाया है, लेकिन खडगांव में अधिकांश व्यवसायी बिना अनुमति के उत्खनन कर रहे हैं। इनमें से कई ने पिछले 5 वर्षों से अपनी अनुमति का नवीनीकरण तक नहीं कराया है, जिससे करीब तकरीबन 30 लाख रुपये का कर बकाया पड़ा है।

पर्यावरण को भारी नुकसान

खडगांव, लावा, दवलामेटी, दुग्धामना, सुराबर्डी में क्रशर मशीनों के माध्यम से 30 फीट गहराई तक खुदाई की जा रही है, जिससे जमीन की प्राकृतिक बनावट प्रभावित हो रही है। खदानों में नियमों को ताक पर रखकर उत्खनन किया जा रहा है। विस्फोटक सामग्री के उपयोग से कंपन पैदा हो रही है, जिससे आसपास के घरों की दीवारों में दरारें आ रही हैं।

30 वर्षों से जारी है खनन

दवलामेटी, दुग्धामना, लावा, खडगांव, सुराबर्डी में पिछले 30-35 वर्षों से बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन चल रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यहां के ग्राम पंचायत क्षेत्र में बिना किसी वैध अनुमति के गिट्टी, मुरुम और चूरी निकाली जा रही है। सरकार को इससे करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है, जबकि तहसील और पटवारी विभाग के अधिकारी इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों को समस्याएं : धूल और धुएं से बढ़ रही बीमारियां : क्रशर मशीनों से निकलने वाली धूल से स्थानीय लोगों में सांस संबंधी बीमारियां, विशेषकर दमा के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

खेती पर असर - खदानों से निकलने वाली धूल खेतों में जम रही है, जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है।

घरों को खतरा - खदानों में किए जा रहे विस्फोटों से गांव के कई घरों में दरारें पड़ रही हैं, जिससे लोगों की सुरक्षा को खतरा बना हुआ है।

क्या होगी कार्रवाई : स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से इस अवैध उत्खनन पर रोक लगाने की मांग की है। यदि प्रशासन जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं करता है, तो आसपास के इलाकों का पर्यावरण और जनजीवन गंभीर संकट में आ सकता है। सरकार को चाहिए कि वह इस अवैध कारोबार पर सख्ती से रोक लगाए और दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करे।

ले-आउट मालिकों की दादागिरी : ले-आउट मालिकों ने जमीन खरीदी और उसके बाद अनेक जगह का मुरूम निकाल कर बेच दिया। यह सिलसिला अनेक वर्षों से जारी है। अनेक ले-आउट मालिकों ने जेसीबी लगाकर बिना रॉयल्टी के मुरूम बेचने की जानकारी सूत्रों ने दी।



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  • 2 Feb 2025 6:17 PM IST

    सरकार को हो रही करोड़ों रुपए की राजस्व हानि

    Nagpur News. भारत प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध देश है, लेकिन कुछ लोग इन संसाधनों का अवैध दोहन कर रहे हैं, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि सरकार को भी करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हो रही है। ऐसा ही एक मामला नागपुर जिले के तहसील नागपुर के दवलामेटी, लावा, खडगांव, सुराबर्डी और वड़धामना तथा आसपास के ग्रामीण में सामने आया है, जहां अवैध उत्खनन और क्रशर मशीनों के माध्यम से सालों से जमीन से मुरूम निकाली जा रही है।

Created On :   2 Feb 2025 6:16 PM IST

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