Nagpur News: अब कोहरा नहीं लगा पाएगा उड़ानों पर पहरा , एएमओ ने लगाया सिस्टम

अब कोहरा नहीं लगा पाएगा उड़ानों पर पहरा , एएमओ ने लगाया सिस्टम
  • नागपुर एयरपोर्ट से हर दिन 65 विमान भरते हैं उड़ान
  • एटीसी से पायलट को मिलेगी विजिबिलिटी की सटीक जानकारी
  • कोहरा व बारिश विमानों के संचालन में बन जाते हैं बाधा

Nagpur News हर वर्ष कोहरा व बारिश विमानों के संचालन में बाधा बन जाते हैं। खराब अथाव कम दृश्यता (विजिबिलिटी) के कारण विमानों की आवाजाही प्रभावित होती है, सैकड़ों उड़ानों का मार्ग बदलना पड़ता है। इससे एक तरफ जहां यात्रियों की सांसें अटक जाती हैं, वहीं पायलट के पसीने छूट जाते हैं। आर्थिक नुकसान होता है सो अलग। इस समस्या को हल करने की पहल डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट नागपुर में एएमओ (एयरोड्रम मेट्रोल़ॉजिकल अॉफिस) ने की है।

हर दिन उड़ान भरते हैं 65 विमान ः नागपुर एयरपोर्ट से हर दिन 65 विमान उड़ान भरते हैं। इसमें दोहा व शारजाह से आनेवाली इंटरनेशनल फ्लाइट भी शामिल है। वायु सेना व वीवीआईपी के दौरे के समय आनेवाले विमान भी यहां लैंड करते हैं।

शीघ्र मिलेगी सूचना ः डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट नागपुर पर अत्याधुनिक आरवीआर (रनवे विज़ुअल्स रेंज) सिस्टम लगाया गया है, जिससे एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के माध्यम से पायलट को विजिबिलिटी की सटीक जानकारी मिल सकेगी। विमान को लैंडिंग व टेक आफ करते समय इसकी मदद होगी उड़ान आैर सुरक्षित हो सकेगी। हवाई अड्डा मौसम कार्यालय (एएमआे) नागपुर से विजिबिलिटी की सटीक जानकारी एटीसी को जाएगी आैर वहां से यह सूचना पायलट तक पहुंचेगी।

दो कर रहे हैं काम, तीसरा शीघ्र शुरू होगा ः एएमआे नागपुर ने हाल ही में एयरपोर्ट के रनवे 32 और रनवे 14 पर दो उन्नत रनवे विजुअल रेंज (आरवीआर) सिस्टम स्थापित किए हैं। रनवे के मध्य बिंदु पर एक तीसरा सिस्टम शीघ्र ही शुरू होने वाला है। एएमओ नागपुर ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ के सभी हवाई अड्डों के तकनीकी मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार नोडल प्राधिकरण ने पूरे क्षेत्र में विमानन सुरक्षा और परिचालन दक्षता को बढ़ावा देने के लिए इस उन्नयन का नेतृत्व किया।

ऐसे करता है काम ः एएमओ नागपुर के निदेशक और वैज्ञानिक डॉ. रिजवान अहमद ने बताया कि आरवीआर प्रणाली परिष्कृत ऑप्टिकल और वायुमंडलीय सेंसर का उपयोग करके रनवे के साथ दृश्य सीमा को लगातार मापती है, जो दृश्यता माप के लिए पारंपरिक ध्रुवीय आरेख विधि की जगह लेती है। एकत्र किए गए डेटा को एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और पायलटों को भेजा जाता जाता है, जिससे उड़ान में व्यवधान को कम करने में मदद मिलती है। मिड-रनवे आरवीआर सिस्टम की सफल कमीशनिंग दृश्यता आकलन को और बेहतर बनाएगी, साथ ही घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों उड़ानों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करेगी।

Created On :   25 Feb 2025 7:23 PM IST

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