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Nagpur News: 31 मार्च तक नागपुर के अंबाझरी पुल से दोतरफा यातायात शुरू होगा
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- कोर्ट की फटकार के बाद मिले 3.77 करोड़
- जनहित याचिका दायर
Nagpur News बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अंबाझरी बांध की सुरक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर है। अंबाझरी तालाब के बांध पर पुल का काम आवश्यक निधि न मिलने के कारण रुका हुआ है। इस मामले में कोर्ट की फटकार लगते ही राज्य सरकार ने 3.77 करोड़ निधि उपलब्ध कराया है। साथ ही सरकार ने कोर्ट को यह भी आश्वासन दिया है कि, 31 मार्च 2025 तक अंबाझरी पुल से दोतरफा यातायात शुरू की जाएगी।
याचिका में इस मुद्दे को उठाया : नागपुर खंडपीठ में रामगोपाल बचुका, जयश्री बनसोड, नत्थूजी टिक्कस ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका पर मंगलवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई में मुख्य सरकारी वकील एवं वरिष्ठ विधिज्ञ देवेन चौहान ने न्यायालय के समक्ष निधि का मुद्दा उठाया था। अंबाझरी क्षेत्र में महापारेषण की भूमिगत केबलें हैं, और पुल का काम पूरा करने के लिए इन 132 केवी की केबलों को स्थानांतरित करना आवश्यक है। इसके लिए महापारेषण ने प्रशासन से लगभग 3.77 करोड़ रुपये की निधि की मांग की है।
जिलाधिकारी ने इस संदर्भ में आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास विभाग के प्रधान सचिव को प्रस्ताव भेजा है, लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ। देवेन चौहान ने न्यायालय से मांग की कि संबंधित विभाग को यह निधि तत्काल जारी करने का आदेश दिया जाए। साथ ही, सरकार ने मनपा को भी कुछ निधि दिया है, जो मनपा को इस कार्य के लिए जारी करना चाहिए। लेकिन निधि उपलब्ध न होने के कारण कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि, -"आप मेट्रो सजाने के लिए पैसा खर्च करते हैं, लेकिन लोगों की बुनियादी सुविधाओं के लिए आपके पास पैसा नहीं होता।' इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार निधि संबंधी विस्तृत स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया था।
सरकार ने दी जानकारी : मंगलवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने शपथ-पत्र दायर करते हुए कोर्ट में यह जानकारी दी कि, महापारेषण को भूमिगत केबल उठाने के लिए 3.77 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। इस कारण अब 28 फरवरी तक अंबाझरी परिसर का यह केबल उठाया जाएगा और 31 मार्च तक अंबाझरी पुल से दोतरफा यातायात शुरू की जाएगी। कोर्ट ने यह शपथ-पत्र रिकार्ड पर लेते हुए इस मामले में अगली सुनवाई 12 मार्च को रखी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. तुषार मंडलेकर, राज्य सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील तथा वरिष्ठ विधिज्ञ देवेन चौहान तथा मनपा और मेट्रो की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ एस. के. मिश्रा ने पैरवी की।
856 करोड़ के प्रस्ताव पर भी मांगा स्पष्टीकरण : नाग, पीली और पोहरा नदी की स्वच्छता, सुरक्षा दीवार का निर्माण करने और अंबाझरी के स्पील वे के लिए जिलाधिकारी ने 856 रुपए निधि का आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास विभाग के प्रधान सचिव को प्रस्ताव भेजा है, लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ। इसलिए कोर्ट ने इस प्रस्ताव पर क्या फैसला लिया गया, इस पर स्पष्टीकरण दायर करने के आदेश दिए हैं।
Created On :   19 Feb 2025 3:54 PM IST