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Nagpur News: क्रिसमस और न्यू ईयर पर जंगल सफारी फुल, पर्यटकों ने किया एडवांस बुकिंग
- आसपास के रिज़ॉर्ट आदि भी फुल
- पिछले वर्ष की तुलना में शुल्क भी बढ़ा
- 20 दिसंबर से 2 जनवरी तक रहेगा हुजूम
Nagpur News क्रिसमस की और नए साल की छुट्टियों पर लोग जंगल सफारी की प्लानिंग करते हैं, लेकिन नागपुर की जंगल सफारी 20 दिसंबर से 2 जनवरी तक हाउसफुल हो गई हैं। टिकट मिलना मुश्किल हो गया है। हालांकि सफारी का शुल्क बढ़ गया है। नागपुर जिले में सबसे बड़ी जंगल सफारी पेंच व्याघ्र प्रकल्प की है। यह 789 वर्ग किमी में फैला जंगल है। यहां कुल 7 सफारी गेट हैं, जिसमें ईस्ट पेंच में सिल्लारी, खुर्सापार, चोरबाहुली, वहीं वेस्ट पेंच में नागलवाड़ी, कोलीतमारा, सुरेवानी, खुबाड़ा आदि गेट हैं। यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में सैलानी जंगल सफारी के लिए आते हैं। जंगल में 50 से ज्यादा बाघ हैं, तेंदुओं की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। ऐसे में यह जंगल विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। यहां भीड़ को देखते हुए सैलानियों ने पहले से ही टिकट बुक कर लिया है। पर्यटक ऑनलाइन, ऑफलाइन टिकट बुक करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन टिकट नहीं मिल रहा है।
पेंच का बढ़ गया खर्च : गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष सफरी का खर्चा बढ़ गया है। एक सफारी के लिए 5525 रुपए देना पड़ता है, जिसमें 6 सैलानी सवार हो सकते हैं। गत वर्ष 5025 रुपए शुल्क लगता था। इसके अलावा यहां रहने के लिए वन विभाग के टूरिस्ट कॉम्पेक्स हैं, इनके रेट भी बढ़ गए हैं। सफारी घूमने आने वालों के लिए वन विभाग के वेस्ट पेंच में सुरेवानी व कोलीतमारा में एक, ईस्ट पेंच में सिल्लारी में एक, वहीं चोर बाहुली में एक रेस्ट रूम हैं। पहले कमरे 2200 में मिलते थे, लेकिन अब 2400 प्लस 12 प्रतिशत जीएसटी ली जा रही है। निजी के रेट तो एक व्यक्ति के पीछे 3 हजार तक पहुंच गया है।
कहां कितनी जिप्सी : पेंच में कुल सात गेट पर प्रतिदिन 180 जिप्सियां जंगल भ्रमण के लिए जाती हैं। एक जिप्सी में 6 पर्यटक रहते हैं। ऐसे में प्रतिदिन यहां 2 हजार से ज्यादा यात्री जंगल भ्रमण करते हैं। इसमें सिल्लारी में सबसे ज्यादा 35 जिप्सी दिनभर में चलती हैं। खुर्सापार में 25 जीप्सी, चोरबाहुली में 12 जीप्सी चलती हैं। इसके अलावा नागलवाड़ी में 14, सालेघाट में 10 व खुबाडा आदि में 10-10 जिप्सियां चलाई जाती हैं।
करांडला के चार्ज भी महंगे : नागपुर जिले का उमरेड करांडला छोटा अभयारण्य है। 250 वर्ग किमी में फैले इस जंगल में बाघों की संख्या 10 के करीब है। छोटा जंगल होने से यहां पर आसानी से बाघों दिखाई देते हैं। इसलिए इसकी ओर पर्यटकों का रुझान बढ़ रहा है। यहां भी किराया बढ़ा दिया गया है। गत वर्ष सोमवार से शुक्रवार तक 3825 रुपए देने पड़ते थे, जिसमें 6 लोग सफारी घूम सकते थे। इसमें फॉरेस्ट परमिट का 850, जिप्सी का 2500, गाइड का 475 रुपए शुल्क देना पड़ता था। कैमरे का चार्ज नहीं लिया जा रहा था, लेकिन इस बार इसी शुल्क को 4475 कर दिया गया है। इसमें फॉरेस्ट परमिट के 1500, जिप्सी का 2500, गाइड का 475 और कैमरा शुल्क 200 व 400 रुपए कैमरा अनुसार लिया जा रहा है। शनिवार व रविवार को तो 4975 रुपए पर्यटकों से लिए जा रहे हैं, जिसमें फॉरेस्ट चार्ज ही 2 हजार रखा गया है।
Created On :   7 Dec 2024 10:12 AM IST