Mumbai News: बदलापुर स्कूल में बच्चियों से दुराचार के मुकदमे में तेजी लाने का दिया निर्देश

बदलापुर स्कूल में बच्चियों से दुराचार के मुकदमे में तेजी लाने का दिया निर्देश
  • अदालत की स्वतः संज्ञान याचिका पर 20 जनवरी को अगली सुनवाई
  • प्रधानाध्यापक और इसके प्रबंधन के दो सदस्यों के खिलाफ आरोपपत्र दायर थे

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर स्कूल में दुराचार की पीड़ित बच्चियां बहुत छोटी हैं। इस मुकदमे में तेजी लाई जानी चाहिए। बदलापुर स्कूल के शौचालय के अंदर चार से पांच साल की दो बच्चियों से दुराचार किया था। अदालत ने इस वारदात का स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें बदलापुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के लिए त्वरित कार्रवाई नहीं की। स्थानीय लोगों ने उग्र आंदोलन किया था।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ के समक्ष स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान विशेष सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने पीठ को बताया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है, आरोपपत्र दाखिल किया गया है। अब मुकदमा चलाया जाएगा। इस पर पीठ ने कहा कि मामले के मुकदमे में तेजी से आगे बढ़ाना होगा, क्योंकि पीड़ित लड़कियां बहुत छोटी उम्र की हैं। पोक्सो अधिनियम के तहत लड़कियों की जांच के दौरान एक महिला अभियोजक को मौजूद रहना होगा।

सरकारी वकील वेनेगांवकर ने कहा कि मामले में विशेष सरकारी अभियोजक की सहायता के लिए एक महिला अभियोजक को नियुक्त किया गया है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को रखी है, तब अभियोजन पक्ष को मुकदमे के बारे में बताना होगा। राज्य सरकार द्वारा मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच (एसआईटी) ने आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दुराचार की रिपोर्ट करने में विफल होने के लिए आरोपी, स्कूल के प्रधानाध्यापक और इसके प्रबंधन के दो सदस्यों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था।

पिछले साल अदालत ने स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का भी आदेश दिया था। सरकारी वकील वेनेगांवकर ने कहा कि समिति ने अभी तक अपनी सिफारिशों की रिपोर्ट पेश नहीं की है। अदालत ने कहा कि अगर अगली सुनवाई की तारीख तक रिपोर्ट पेश की जाती है, तो उसे उसके समक्ष भी पेश किया जाएगा।

वेनेगांवकर ने अदालत को यह भी बताया कि महाराष्ट्र सरकार की नीति के अनुसार लड़कियों की शिक्षा कक्षा 8 तक निःशुल्क होगी। उनकी (पीड़ित लड़कियों की) कक्षा 9 और 10 के लिए भी शिक्षा निःशुल्क करने का प्रस्ताव रखा गया है। 20 जनवरी को अदालत मृतक आरोपी के पिता द्वारा दायर याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनके बेटे को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार दिया था।

Created On :   13 Jan 2025 9:13 PM IST

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