नागपुर: पीजी की सीटें पाने मेडिकल की छटपटाहट, एनएमसी नहीं मानी तो लगाएंगे कोर्ट से गुहार

पीजी की सीटें पाने मेडिकल की छटपटाहट, एनएमसी नहीं मानी तो लगाएंगे कोर्ट से गुहार
  • एनएमसी ने मंजूर स्नानकोत्तर की 5 सीटों को मंजूरी नहीं दी
  • रेडिएशन थेरेपी विषय पर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाया जाता है

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल (मेडिकल) के कैंसर रोग विभाग की स्नातकोत्तर की सीटों के लिए छहपटाहट शुुरु हो चुकी है। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने मंजूर स्नानकोत्तर की 5 सीटों को मंजूरी नहीं दी है। इसी साल से पांचों सीटों को रद्द किये जाने से मेडिकल प्रशासन चिंता में आ चुका है। एनएमसी ने मशीनें नहीं होने के कारण सीटें रद्द करने की जानकारी सूत्रों ने दी है। बातचीत व पत्राचार के बावजूद एनएमसी सीटों की मंजूरी के लिए तैयार नहीं हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि मेडिकल प्रशासन कोर्ट में गुहार लगाने पर विचार कर रहा है।

राज्य में थी 7 सीटें, अब बची 2

मेडिकल के कैंसर रोग विभाग को 2011 में स्नातकोत्तर की 2 सीटों पर मंजूरी दी गई थी। तब से हर तीन साल में यहां से दो बच्चे स्नानकोत्तर पाठ्यक्रम पूरा करते थे। 2016-17 में सीटों की संख्या बढ़ाकर 5 कर दी गई थी। इसी साल 5 अप्रैल को एनएमसी ने सीटों को नामंजूर कर प्रवेश पर रोक लगा दी। इसे लेकर मेडिकल प्रशासन ने एनएमसी से बातचीत की है, लेकिन तीन महीने में इसका कोई हल नहीं निकल पाया है। यहां गौर करनेवाली बात यह है कि एनएमसी ने उस समय रोक लगा दी है, जब मेडिकल का कैंसर रोग विभाग को जल्द ही मशीनें मिलनेवाली है। खरेदी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। दूसरी तरफ कैंसर इन्स्टीट्यूट का निर्माण भी शुरु हो चुका है। ऐसे समय में एनएमसी द्वारा सीटें रद्द करने पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।

प्रक्रिया में लापरवाही का नतीजा

राज्य में नागपुर - औरंगाबाद के दो शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में रेडिएशन थेरेपी विषय पर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाया जाता है। नागपुर में 5 सीटें थी व औरंगाबाद में 2 सीटें है। नागपुर की सीटें कम होने से अब राज्य के सरकारी कॉलेज मे सिर्फ 2 ही सीटें हैं। इससे विद्यार्थियों का नुकसान होगा। वहीं मेडिकल जैसे संस्थान में जरुरी संसाधनों का समय पर उपलब्ध नहीं कराए जाने से सरकार की लापरवाही भी उजागर हुई है। बरसों से मेडिकल में उपकरणों की खरेदी प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं हो पा रही है। मेडिकल के रेडिएशन थेरेपी व कैंसर विभाग को लीनियर एक्सेलेरेटर मशीन मिल नहीं पाई है। यहां की ब्रेकीथेरेपी मशीन भी बंद है। इस कारण एनएमसी ने यहां के स्नातकोत्तर की 5 सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया रोक दी है। जबकि मशीनों की खरेदी प्रक्रिया शुरु है।

Created On :   6 Aug 2024 1:57 PM GMT

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