नागपुर: विधानसभा में गूंजा राज्य मागासवर्ग आयोग के अध्यक्ष के इस्तीफे का मामला

विधानसभा में गूंजा राज्य मागासवर्ग आयोग के अध्यक्ष के इस्तीफे का मामला
  • विधानसभा में गूंजा मामला
  • निरगुडे आयोग के रहते शिंदे आयोग क्यों
  • आयोग के अध्यक्ष के इस्तीफे का मामला

डिजिटल डेस्क, नागपुर, रघुनाथसिंह लोधी। राज्य मागासवर्ग आयोग के अध्यक्ष आनंद निरगुडे के इस्तीफे का मामला विधानसभा में गूंजा। मंगलवार को विपक्ष ने मामला उठाते हुए आयोग के अस्तित्व पर चिंता जतायी है। सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि मामले की जांच कराकर संपूर्ण जानकारी सदन को दी जाएगी। नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने प्वाइंट आफ इंफरमेशन के तहत यह मामला उठाया। उन्होंने कहा-राज्य मागासवर्ग आयोग स्वायत्त संस्था है। लेकिन अब उसपर दबाव डाला जा रहा है। दबाव के कारण पहले ही इस आयोग के 4 सदस्य इस्तीफा दे चुके हैं। अब अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया है। आयोग सदस्यों से मनचाहा कार्य कराने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे ही रहा तो राज्य मागासवर्ग आयोग कैसे रह पाएगा। मंत्री शंभुराजे देसाई ने कहा-इस प्रकरण की संपूर्ण जानकारी सदन काे दी जाएगी। फिलहाल इस्तीफे को लेकर न्यायमूर्ति आनंद निरगुडे ने कोई वक्तव्य नहीं दिया है। न्यायमूर्ति निरगुडे से संपर्क कर जानने का प्रयास करेंगे कि उनपर किसी तरह का दबाव तो नहीं था।

निरगुडे आयोग के रहते शिंदे आयोग क्यों?

कांग्रेस सदस्य नाना पटोले ने कहा है कि मागासवर्ग के संबंध में निरगुडे आयोग है फिर शिंदे आयोग की आवश्यकता क्यों पड़ी। पटोले ने कहा-राज्य मागासवर्ग आयोग पर शिंदे आयोग की जानकारी सही बताने का दबाव था। ऐसी जानकारी है कि दबाव के कारण ही निरगुडे ने इस्तीफा दिया। ओबीसी कल्याण की निधि का पर्याप्त उपयोग नहीं किया जा रहा है। पटोले ने यह भी कहा कि ओबीसी को न्याय देने के बजाय सरकार गुमराह कर रही है। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व की सरकार के समय आयोग गठन, आरक्षण व न्यायालय में संघर्ष के विषय का जिक्र करते हुए पटोले ने कहा कि फडणवीस की नीति दो समाज में तनाव रखनेवाली है। आयोग गठन में विलंब नहीं किया जाता है। लेकिन आयोग को अधिकार के साथ काम भी नहीं करने दिया जाता है।

Created On :   12 Dec 2023 12:03 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story