प्रकरण: आइस फैक्टरी मालिक पर मामला दर्ज, 6 माह पूर्व विस्फोट में 2 मजदूरों की हुई थी मौत

आइस फैक्टरी मालिक पर मामला दर्ज, 6 माह पूर्व विस्फोट में 2 मजदूरों की हुई थी मौत
  • कपिल नगर पुलिस की भूमिका को लेकर अटकलें शुरू
  • फौरन मामला दर्ज करने के बजाय 6 माह का समय लगा दिया
  • जांच के नाम पर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कपिल नगर इलाके में उप्पलवाड़ी क्षेत्र में बालाजी आइस फैक्टरी में जनवरी माह में विस्फोट होने से दो मजदूरों की मौत हो गई थी, लेकिन इस मामले में आइस फैक्टरी मालिक पर कपिल नगर पुलिस ने फौरन मामला दर्ज करने के बजाय करीब 6 माह का समय लगा दिया। अब फैक्टरी मालिक पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है, जिससे पुलिस की भूमिका को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। पुलिस के अनुसार फैक्टरी मालिक की लापरवाही से विस्फोट होने की जानकारी उजागर हुई है।

यह है मामला : पुलिस के अनुसार बरफवाला घर क्र.-713 , गणेश फरसाण के बगल में गड्डीगोदाम चौक, सदर निवासी विजय जुगलकिशोर शाहू (62) की उप्पलवाड़ी परिसर में बालाजी आइस फैक्टरी है। 6 जनवरी को इस फैक्टरी में अमोनिया गैस का प्रमाण बढ़ने पर विस्फोट हो गया था। घटना के बाद आस-पास के इलाके की हवा में गैस फैल गई थी, जिसके चलते मकान तक खाली कराए गए थे। घटना के बाद आस-पास के इलाके में दहशत का माहौल हो गया था। फैक्टरी में गैस टैंक में विस्फोट से डुग्गरसिंह रावत (70), खुम्मनसिंह लुम्बसिंह (45), राजस्थान, श्रावणसिंह बघेल (44), यशोधरा नगर व राजा राजेंद्र आर्य (23), चिचोली, मध्यप्रदेश निवासी जख्मी हो गए थे। जख्मी डुग्गरसिंह रावत की इलाज के दौरान 6 जनवरी और खुम्मनसिंह की 10 जनवरी को मौत हो गई थी।

पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था : घटना के बाद कपिल नगर पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया और जांच के नाम पर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। करीब 6 माह तक पुलिस खामोश बैठी रही। वरिष्ठ अधिकारियों ने जब मामले को लेकर पूछताछ शुरू की तब मामले ने दोबारा गति पकड़ी। इसके बाद इस मामले में आइस फैक्टरी मालिक आरोपी विजय शाहू के खिलाफ धारा 285 व 304 (अ) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस घटना के बाद कोई कार्रवाई नहीं करने पर कपिल नगर पुलिस को लेकर कई तरह की अटकलों के साथ सवाल खड़े किए जा रहे थे, तब अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेकर छानबीन कर कार्रवाई करने का आदेश दिया।

जांच में सच आया सामने : पुलिस सूत्राें ने बताया कि जांच के दौरान यह सच सामने आया कि, फैक्टरी में अमोनिया गैस पर नियंत्रण के लिए यंत्र ही नहीं थे। उप्पलवाड़ी इलाके में इस फैक्टरी की तरह अवैध तरीके से कई कंपनी व फैक्टरियां संचालित हो रही हैं, जो जहरीला धुआं छोड़ती हैं, लेकिन इनकी खोज खबर लेने वाला कोई नहीं है। जहरीले धुएं आस-पास रहने वाले लोगों को दमा, टीबी और कैंसर जैसी घातक बीमारियां हो रही हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के पास फुर्सत नहीं है।

Created On :   5 July 2024 7:59 AM GMT

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