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पॉलिटिकल एक्टिविटी: विदर्भ में कांग्रेस में इनकमिंग शुरु, भंडारा के पूर्व सांसद पटले ने थामा हाथ
- अन्य पूर्व विधायक भी कतार में
- दो बार नगरसेवक रहे चोपड़ा हुए कांग्रेसी
- जिला स्तर पर संवाद कार्यक्रम
डिजिटल डेस्क , नागपुर । विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही कांग्रेस में इनकमिंग शुरु हो गई है। लोकसभा चुनाव में विदर्भ में कांग्रेस ने 10 में से 6 सीटें जीती थी। उसकी सहयोगी शिवसेना उद्धव ने 1 सीट जीती थी। विदर्भ को कांग्रेस गढ़ मानती रही है। लिहाजा इस बार विदर्भ पर सबसे अधिक ध्यान दिया जा रहा है। गोंदिया भंडारा में भाजपा के लोकसभ सदस्य रहे शिशुपाल पटले ने शुक्रवार को कांग्रेस में प्रवेश लिया। गोंदिया के पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल भी कांग्रेस की राह पर है। उन्होंने गोंदिया जिला नियोजन समिति से इस्तीफा दे दिया है। इधर नागपुर महानगरपालिका में दो बार नगरसेवक रहे प्रशांत चोपड़ा ने कांग्रेस में प्रवेश लिया है। कांग्रेस ने प्रदेश प्रभारी रमेश चेन्निथला व प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के नेतृत्व में जिला स्तर पर संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया है। विदर्भ में भी संवाद कार्यक्रम चल रहे हैं।
प्रफुल पटेल को पराजित किया था : शिशुपाल पटले ने राकांपा अजित गुट के कार्याध्यक्ष प्रफुल पटेल को 2004 में भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्र में पराजित किया था। पटले सामान्य किसान परिवार के है। क्षेत्र में पोवार समाज के मतदाताओं की संख्या अधिक है। पटले , पवार समाज से हैं। भंडारा जिला परिषद के अध्यक्ष रहे पटले को भाजपा के दिग्गज नेता नितीन गडकरी ने भाजपा में प्रवेश दिलाया था। लेकिन गोंदिया जिले में परिणय फुके की सक्रियता के बाद पटले राजनीतिक तौर पर किनारे लगने लगे। हालत यह हुई कि इसी साल 25 जुलाई को पटले ने भाजपा से इस्तीफा दिया। प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को लिखे पत्र में उन्होंने अपना दर्द व्यक्त किया। उनका कहना है कि भाजपा में अटलबिहारी वाजपेयी व लालकृष्ण आडवाणी का युग समाप्त हो गया है।
विधानपरिषद सदस्य परिणय फुके को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का करीबी नेता माना जाता है। अब माना जा रहा है कि पटोले के माध्यम से कांग्रेस भंडारा व तुमसर क्षेत्र में भाजपा के लिए चुनौती खड़ी करेगी। बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा से भंडारा-गोंदिया सीट छीन ली। भाजपा के उम्मीदवार सुनील मेंढे 37हजार मतों के अंतर से पराजित हो गए। गोंदिया में दो बार विधायक रहे गोपाल अग्रवाल ने 2019 में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में प्रवेश लिया था। भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े और पराजित हुए। अब वे भी कांग्रेस में लौटने की राह पर है। उधर भाजपा के लोकसभा सांसद रहे सूर्यकांत पाटील ने जून में शरद पवार की राकांपा में प्रवेश ले लिया है।
Created On :   16 Aug 2024 3:32 PM IST