सुरक्षा :: नागपुर मंडल की ओर से 3 महीने में रेल पटरी पर बदले 7 हजार से ज्यादा स्लीपर

नागपुर मंडल की ओर से 3 महीने में रेल पटरी पर बदले 7 हजार से ज्यादा स्लीपर
  • पटरियों की बढ़ाई गई मजबूती
  • ट्रेनों को रफ्तार पकड़ने में खास दिक्कत नहीं होगी
  • 724 रेल/ वेल्ड दोषों को दूर किया गया

डिजिटल डेस्क, नागपुर । दपूम रेलवे नागपुर मंडल की ओर से गत 3 महीने में रेल पटरियों से 7 हजार 6 सौ 20 स्लीपर को बदला है। जिसके कारण पटरियों की मजबूती बढ़ी है। ऐसे में अब इन पर दौड़नेवाली ट्रेनों को रफ्तार पकड़ने में खास दिक्कत नहीं होगी।

पटरियों को संभालने के लिए स्लीपर की भूमिका अहम होती है। कुछ समय पहले पटरियों पर लगनेवाली स्लीपर लकड़ियों की हुआ करती थीं। जो आज भी कई पटरियों में लगी देखी जा सकती हैं। समय अनुसार अब स्लीपर को क्रांकीट का बनाया गया है। ताकि पटरियों की मजबूती लंबे समय तक टिकी रह सके। लेकिन आज भी जो लकड़ी के स्लीपर लगे हैं, वह समय के साथ खराब होते जा रहे हैं। जिससे खासकर बारिश में पटरियों की मजबूती कम होती है। ऐसे में गत तीन महीने में दपूम रेलवे नागपुर मंडल की ओर से रेल ट्रैक का निरीक्षण करने के बाद 7 हजार से ज्यादा स्लीपर को बदलकर पटरियो को पहले की तुलना ज्यादा मजबूत बनाया है।

यूएसएफडी मशीन से किया गया परीक्षण : इसके अलावा ट्रैक व रेलवे समपारों का रखरखाव, ट्रैक टैम्पिंग, रेलवेल्डिंग में खराबी को दूर करना, खराब रेलवे स्लीपरों की बदली, स्लीपरों के टुकड़ों को खंड से हटाना आदि कार्यों के अंतर्गत रेल और वेल्ड के 2714 ट्रैक कि.मी. यूएसएफडी मशीन द्वारा परीक्षण किया गया है । रेल और वेल्ड के परीक्षण के दौरान पाए गए कुल 724 रेल/ वेल्ड दोषों को दूर किया गया है।

पटरियों पर विशेष ध्यान : गाड़ियों का संरक्षित परिचालन सुनिश्चित करना रेलवे की पहली प्राथमिकता रही है। गाड़ियों के संरक्षित परिचालन सुनिश्चित करने सुरक्षित एवं निर्बाध रूप से व्यवधान-मुक्त रेल सेवा प्रदान करने हेतु कार्य योजनाबद्ध रूप से किए जा रहे हैं । सभी सेक्शनों में योजनाबद्ध तरीके से गश्ती दलों द्वारा प्रतिदिन नियमानुसार पेट्रोलिंग का कार्य किया जा रहा है। रेल व वेल्ड फ्रेक्चर की घटनाएं न हों इसके लिए डीप-स्क्रीनिंग के कार्य योजनाबद्ध तरीके से व्यापक स्तर पर कराये जा रहे हैं।

Created On :   18 July 2024 9:56 AM GMT

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