कोर्ट ने कहा: फेरीवालों को सार्वजनिक मार्ग अवरुद्ध करने का अधिकार नहीं

फेरीवालों को सार्वजनिक मार्ग अवरुद्ध करने का अधिकार नहीं
हाईकोर्ट का महत्त्वपूर्ण निरीक्षण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सभी बड़े शहरों में सड़कें और फुटपाथ पर ज्यादातर फेरीवालों का अतिक्रमण है। इसके चलते सड़कों पर बड़ी संख्या में यातायात की समस्या है, दूसरी ओर पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ भी नहीं बचे। ऐसे ही एक मामले पर हुई सुनवाई में बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने महत्त्वपूर्ण निरीक्षण देते हुए कहा कि फेरीवालों को सार्वजनिक मार्ग की यातायात अवरुद्ध करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सार्वजनिक मार्ग यातायात के लिए और फुटपाथ पैदल चलने वालों के लिए खुला रखने कि प्राथमिक जिम्मेदारी प्रशासन की है।

नागरिकों को होती है समस्या : नागपुर खंडपीठ में चंद्रपुर के रघुवंशी व्यापार संकुल एसोसिएशन एवं स्थानीय व्यापारियों ने अनियंत्रित फेरीवालों की वजह सें निर्माण होने वाली समस्या को लेकर यह याचिका दायर की है। याचिका के अनुसार, आजाद मैदान बगीचे के पास सार्वजनिक मार्ग पर हर रविवार मार्केट लगता है। इसके लिए फेरीवाले शनिवार को रात से ही मार्ग पर कब्जा कर लेते हैं। इस कारण रविवार को मार्ग की यातायात पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती है। नागरिकों को परिसर के स्थाई दुकान और अस्पताल में जाना मुश्किल हो जाता है। इस समस्या का हल निकालने पर मनपा आयुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस अधिक्षक और यातायात पुलिस निरीक्षक द्वारा कोई भी उपाययोजना नहीं की जा रही है। ऐसा भी दावा याचिकाकर्ताओं ने किया है। मामले पर न्या. अतुल चांदूरकर और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में अदालत ने फेरीवालों के द्वारा किए जाने वाले अतिक्रमण को लेकर उक्त निरीक्षण दिए गए हैं। याचिककार्ताओं की ओर से एड. हरीश ठाकुर, मनपा की ओर से एड. महेश धात्रक ने पैरवी की। मामले पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद रखी गई है।

दक्षिणी मार्ग यातायात के लिए खुला रहेगा, उत्तर पर मार्केट भरेगा : कोर्ट ने विभिन्न कारणों पर विचार करते हुए सार्वजनिक मार्ग का दक्षिणी भाग यातायात और पैदल चलने वालों के लिए खुला रहे इसलिए जरुरी उपाययोजना करने के प्रशासन को आदेश दिये है। संबंधित रविवार का मार्केट सिर्फ उत्तर की ओर ही भरेगा और वहा जिन फेरीवालों के पास लायन्स है वही व्यापार कर सकेगें। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि, यह व्यवस्था 8 दिसंबर तक चलेगी। उसके बाद आगे आवश्यक आदेश जारी किए जाएंगे।

Created On :   16 Nov 2023 7:45 AM GMT

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