नियमों की उड़ रही धज्जियां: अन्य शहरों से नागपुर में धड़ल्ले से पहुंच रही पीओपी से बनी गणेश प्रतिमाएं

  • मनपा के पास नहीं कोई जांच व्यवस्था
  • पीओपी मूर्तियों को लेकर लापरवाही
  • रोकथाम पर नहीं कोई ध्यान

नीरज दुबे, नागपुर। हाल ही में उच्च न्यायालय की ओर से शहर में पीओपी मूर्तियों को लेकर मनपा से ठोस उपाययोजना पूछी गई है। मनपा की ओर से तमाम दावों के साथ औचक निरीक्षण, पीओपी बिक्री करने पर दंडात्मक कार्रवाई का ब्यौरा दिया गया है, लेकिन वास्तविकता में पीओपी की मूर्तियों के शहर में पहुंचने को लेकर कोई भी ठोस उपाययोजना नजर नहीं आ रही है। पिछले 1 माह से गुजरात और मुंबई के विक्रेताओं की ओर से ट्रकों में भरकर मूर्तियों को शहर में भेजा जा रहा है, लेकिन मनपा प्रशासन, पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से कोई भी जांच अथवा रोकथाम व्यवस्था दिखाई नहीं दे रही है।

विशेष उल्लेख यह है कि मूर्ति निर्माताओं की ओर से समृद्धि महामार्ग के रास्ते से बरोकटोक मूर्तियों को ट्रकों में भरकर भेजा जा रहा है। मनपा की ओर से दावा था कि अन्य स्थानों से आनेवाली मिट्‌टी की मूर्तियों के लिए सत्यापन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। तमाम दावों के बाद भी शहर में पीओपी की मूर्तियों की धड़ल्ले से आवागमन हो रहा है। पीओपी की मूर्तियों से जलस्त्रोतों के साथ ही होनेवाले गंभीर पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम को लेकर उच्च न्यायालय से निर्देश दिए गए हैं।

पिछले साल 7189 पीओपी मूर्तियां मिली : घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष ने पिछले साल शहर भर के 10 जोन में कृत्रिम विसर्जन टैंक तैयार किया गया था। 10 जोन में करीब 413 कृत्रिम टैंक में घरेलू मूर्तियों को विसर्जित किया गया। इन कृत्रिम टैंकों में 1 लाख 48 हजार 431 मूर्तियों का विसर्जन किया हुआ, इनमें से 7189 पीओपी की मूर्तियों के साथ ही 1 लाख 41 हजार 242 मिट्‌टी की मूर्तियों का समावेश था। मनपा से पीओपी की मूर्तियों को राेकने के लिए जनजागरण करने के बाद 4.84 फीसदी ही पीओपी की मूर्तियों को पाया गया।

पुलिस के सहयोग से बनाएंगे योजना : न्यायालय के निर्देश पर पीओपी मूर्तियों को लेकर कड़े निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में शहर में पीओपी मूर्तियों की रोकथाम के लिए दंडात्मक कार्रवाई, पारंपारिक मूर्तिकारों के सहयोग से मिट्‌टी मूर्तियों को प्रोत्साहन की योजना पर काम जारी है। अन्य शहरों से आनेवाली मूर्तियों की जांच और रोकथाम को लेकर पुलिस विभाग के सहयोग से योजना बनाने का प्रस्ताव है। - डॉ गजेन्द्र महल्ले, उपायुक्त, घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष, मनपा

Created On :   16 Aug 2024 1:24 PM IST

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