अपने अपने अनुभव: रणनीतिकारों को चुनाव परिणाम ने भी चौंकाया

रणनीतिकारों को चुनाव परिणाम ने भी चौंकाया
  • चार राज्याें में चुनाव परिणाम
  • रणनीतिकारों का भी चौंकाया
  • पदाधिकारियों ने अनुभव साझा किए

डिजिटल डेस्क, नागपुर, रघुनाथसिंह लोधी | चार राज्याें में चुनाव परिणाम ने रणनीतिकारों का भी चौंकाया है। इन चुनावों में संगठन कार्य की जिम्मेदारी संभालते रहे विविध दलों के पदाधिकारियों ने अनुभव साझा करते हुए कहा है कि समीक्षा किन-किन विषयों की करें। एक ही विषय कहीं जीत तो कहीं पराजय का कारण बनता नजर आया। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव कार्यों के प्रभारी रहे रामकिशन ओझा कहते हैं-अब तो इस बात की भी समीक्षा करनी होगी कि लोकतंत्र में चुनाव जीतने के लिए कौन सी रणनीति सही होगी। जो परिणाम आए हैं वे साफ तौर पर समझ से परे लगते हैं। गुजराज व राजस्थान में चुनाव प्रभारी का दायित्व निभा चुके ओझा कांग्रेस के राजस्थान माडल का जिक्र करते हैं। आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख का बीमा, 500 रुपये में गैस सिलेंडर, आईटी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी संबंधित योजनाओं को गिनाते हुए ओझा यह भी कहते हैं-कल्याणकारी योजनाएं ही जीत का पैमाना होतीं तो राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व की सरकार ने क्या कमी की थी

मध्यप्रदेश में लाडली बहन योजना को भाजपा के लिए गेमचेंजर कैसे मान लें,छत्तीसगढ़ व राजस्थान में तो ये योजनाएं नहीं थी। राजस्थान चुनाव में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रहे अतुल लोंढे परिणाम को लेकर कहते हैं-हारे तो क्या हुआ, संघर्ष तो पूरी ताकत से किया है। राजस्थान में 5 साल में सत्ता बदलने का रिवाज भले ही कायम है पर यह रिवाज टूटा है कि पराजय का अंतर कम हुआ है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सफलता सभी की समझ से परे है।

Created On :   4 Dec 2023 6:58 PM IST

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