सुविधा: आनलाइन आवेदन करते ही बस 24 घंटे में ही ईपीएफओ से खाते में जमा होगा पैसा

आनलाइन आवेदन करते ही बस 24 घंटे में ही ईपीएफओ से खाते में जमा होगा पैसा
  • आवेदन करते ही आता है मैसेज
  • कार्यालय के चक्कर काटने की जरूरत नहीं
  • आवेदन में त्रुटि होने पर भी आता है एसएमएस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफआे) का कामकाज ऑनलाइन होने से काम में पारदर्शिता आने के साथ ही तेजी से मामलों का निपटारा हो रहा है। अपनी राशि निकालने के लिए ईपीएफओ कार्यालय जाने जरूरत नहीं रही। ऑनलाइन आवेदन करते ही 24 घंटे में मोबाइल पर एसएमएस आता है आर 24 घंटे बाद ही बैंक खाते में निधि जमा हो जाती है।

जरूरत के समय निकाल सकते राशि : कर्मचारी के मूल वेतन से 12 फीसदी राशि ईपीएफओ में जमा होती है। इसी तरह नियोक्ता भी इतनी ही राशि जमा करता है, लेकिन इसका कुछ हिस्सा पेंशन फंड में व शेष निधि ईपीएफओ में जमा हाेती है। जरूरत के समय कर्मचारी ईपीएफओ से अपनी राशि निकाल सकते हैं। कर्मचारी अपने सेवा काल में ऑनलाइन आवेदन कर तीन बार बगैर दस्तावेज दिखाए अपनी जमा राशि निकाल सकते हैं। कर्मचारी के हिस्से की राशि उसे 24 घंटे (अवकाश छोड़कर) बाद मिल सकती है। आवेदन करते ही 24 घंटे में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ईपीएफआे की तरफ से एसएमएस आता है। आवेदन में त्रुटि होने पर कर्मचारी को एसएमएस से सूचित कर दुरुस्ती करने का मौका दिया जाता है। इसके बाद वेतन जिस खाते में जमा होता है, वहां यह निधि नेफ्ट के माध्यम से जमा की जाती है।

इन कामों के लिए निकाल सकते राशि: उपचार के लिए अपनी जमा राशि से ही निधि निकाली जा सकती है। परिवार में विवाह के लिए भी अपनी जमा राशि से ही निधि निकाली जा सकती है। मकान निर्माण के लिए कर्मचारी व नियोक्ता दोनों द्वारा जमा राशि (दोनों मद) से निधि निकाली जा सकती है। मकान के निर्माण के लिए जमा राशि (दोनों मद) से 85 फीसदी तक निधि निकाली जा सकती है।

हर साल 684408 विद्यार्थियों की जांच : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से शून्य से 18 साल आयुवर्ग के 684408 विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच की जाती है। शूल्य से 6 साल आयुवर्ग के 256851 और 6 से 18 आयुवर्ग के 416593 विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच की गई। बीमार पाए गए विद्यार्थियों को औषधोपचार दिया गया। जिला समन्वयक अमोल खोब्रागड़े ने अहम भूमिका निभाई।

2606 विद्यार्थियों की अन्य शल्यक्रिया : स्वास्थ जांच में अन्य समस्याओं से पीड़ित 2606 विद्यार्थियों की सामान्य तथा गंभीर शल्यक्रियाएं की गई। इन शल्यक्रियाओं में आर्थोपेडिक, अनडिस्डेंटटेस्टीज, हायड्रोसिल, हर्निया, अपेंडिक्स, क्लीप लीप पैलेट, स्क्रींट, डेंटल, ईएनटी, किडनी आदि का समावेश रहा।

1 अप्रैल 2013 से उपक्रम की शुरूआत : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की राज्य में 1 अप्रैल 2013 से शुरूआत हुई। उससे पहले फरवरी 2008 से राज्य में शालेय स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा था। उसे सफलता मिलने पर 6 फरवरी 2013 को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के हस्ते पालघर जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। 1 अप्रैल 2013 से संपूर्ण राज्य में अमल शुरू हुआ।

Created On :   3 March 2024 3:26 PM IST

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