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मांग: लोकसभा चुनाव के दौरान शासकीय छुट्टियां बन रहीं बाधक, तिथियां बढ़ाने की उठी मांग
- कार्यालय, बैंक व कोर्ट बंद रहने से दिक्कतों का सामना
- कानूनी व तकनीकी औपचारिकताएं पूरी नहीं हो पाईं
- नामांकन जमा करने की तिथि और तीन दिन बढ़ाएं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आगामी 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण अंतर्गत नागपुर और रामटेक सीट के लिए मतदान होगा। इसके लिए 20 मार्च से 27 मार्च तक नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया रखी गई है। बुधवार को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। इस बीच शनिवार, रविवार और सोमवार को शासकीय अवकाश आने से अनेक उम्मीदवार नामांकन नहीं भर पाए। लगातार शासकीय छुट्टियां होने से कानूनी व तकनीकी औपचारिकताएं पूरी नहीं हो पाईं। कार्यालय, बैंक व कोर्ट बंद रहने से सहित कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
सैकड़ों की संख्या में आवेदन लिए : ऐसे में नामांकन-पत्र जमा करने की तिथि और तीन दिन तक बढ़ाने की मांग मंगलवार को इंडिया अगेंस्ट ईवीएम सहित विविध संगठनों ने की है। मुख्य चुनाव आयुक्त, केंद्रीय चुनाव आयोग के नाम से जिला निर्वाचन अधिकारी को दिए गए निवेदन में विविध संगठनों ने यह मांग की है। संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि नागपुर और रामटेक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में आवेदन लिए हैं। वे अपना नामांकन भरना चाहते हैं। लेकिन लगातार शासकीय अवकाश होने से कानूनी औपचारिकताएं पूरी नहीं हो पाईं। आवेदन काफी विस्तृत होता है। इसे भरने में समय लगता है। कई औपचारिकताएं पूरी कर दस्तावेज जोड़ने पड़ते हैं। शासकीय छुट्टियों की वजह से यह अधूरी रही। इन दिक्कतों को देखते हुए चुनाव आयोग से नामांकन जमा करने की तिथि और तीन दिन बढ़ाने की मांग की गई है।
टेंडर की पुन: प्रक्रिया में उलझी ब्रेकीथेरेपी मशीन : मेडिकल के कैंसर रोग विभाग को गतिमान रखने के लिए आर्थिक वर्ष 2021-22 में 3.57 करोड़ रुपए से ब्रेकीथेरेपी मशीन खरीदने की मंजूरी मिली थी। पहले यह मशीन हाफकिन कंपनी को खरीदनी थी, लेकिन कंपनी समय पर खरीदी प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाई। सालभर पहले सरकार ने इस कंपनी के खरीदी अधिकार वापिस ले लिये। बीते सितंबर को यह राशि मेडिकल को वापिस मिल गई। अब यह प्रक्रिया मेडिकल को करनी है। मेडिकल ने एक बार टेंडर प्रक्रिया की है, जो तकनीकी कारणों से पूरी नहीं होने से दोबारा पुर्नप्रक्रिया करनी पड़ रही है। अब आचार संहिता लगने से खरीदी प्रक्रिया पूरी होने को लेकर शंका व्यक्त की जा रही है।
नहीं की समय पर खरीदी प्रक्रिया पूरी : शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) के दम तोड़ते कैंसर रोग विभाग के लिए उम्मीद की किरण बनी है ब्रेकीथेरेपी मशीन। आर्थिक वर्ष 2021-22 में इस मशीन के लिए जिला नियोजन समिति की तरफ से 3.57 करोड़ रुपए मिले थे। यह राशि हाफकिन को सौंपी गई थी। उस समय इस मशीन की खरीदी के लिए सारी प्रक्रियाएं पूरी करने की जिम्मेदारी हाफकिन कंपनी की थी। लेकिन कंपनी यह काम समय पर नहीं कर पाई। फरवरी 2024 में एक टेंडर निकाला गया। लेकिन तकनीकी कारणों से यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। अब इसकी पुर्नप्रक्रिया की जानेवाली है। सूत्रों ने बताया कि यह ब्रेकीथेरेपी मशीन लंदन से खरीदी की जानेवाली है। आचार संहिता लगने से यह प्रक्रिया को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
Created On :   27 March 2024 2:42 PM IST