तफ्तीश: राज्यपाल ने किया था निलंबित, जांच कमेटी की रिपोर्ट पर कुलगुरु से मांगा जवाब

राज्यपाल ने किया था निलंबित, जांच कमेटी की रिपोर्ट पर कुलगुरु से मांगा जवाब
  • अशोक मांडे समिति की जांच पूरी
  • रिपोर्ट मिलते ही तकनीकी शिक्षा विभाग ने भेजा पत्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के निलंबित कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी की याचिका मंजूर करते हुए राज्यपाल द्वारा दिया गया निलंबन का फैसला रद्द किया था। इसके चलते 11 अप्रैल को डॉ. चौधरी ने नागपुर विश्वविद्यालय के कुलगुरु का फिर से कार्यभार संभाला, लेकिन कार्यभार संभालते ही उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा डॉ. चौधरी पर जांच बैठाई गई। विभाग के उप सचिव अशोक मांडे समिति द्वारा यह जांच पूरी की गई। जैसे ही उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंपी गई वैसे ही पत्र भेजते हुए डॉ. सुभाष चौधरी से कमेटी की रिपोर्ट पर जवाब मांगा गया है।

अधिकार का दुरुपयोग : डाॅ. सुभाष चौधरी के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए नियुक्त उच्च तकनीकी शिक्षा के उप सचिव अजीत बाविस्कर की समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल रमेश बैस को सौंप थी। समिति के इस रिपोर्ट में बताया गया कि कुलगुरु डॉ. चाैधरी ने अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है और एमकेसीएल को लेकर सरकार के आदेशों की अनदेखा किया गया। इस रिपोर्ट के बाद राज्यपाल ने कुलगुरु डॉ. चौधरी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की।

इस आधार पर फैसला रद्द : राज्यपाल के फैसले के विरोध में डॉ. चौधरी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने डॉ. सुभाष चौधरी की याचिका मंजूर करते हुए राज्यपाल द्वारा दिया गया निलंबन का फैसला रद्द किया था। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। तब तक आदेश का अमल करने पर कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई थी। लेकिन सरकार द्वारा हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी गई। यह अवधि समाप्त होने के कारण हाई कोर्ट का आदेश अपने आप अमल में आया। इसलिए 11 अप्रैल को छुट्‌टी होने के बाद भी डॉ. सुभाष चौधरी ने नागपुर विश्वविद्यालय के कुलगुरु का कार्यभार संभाला था।

कुलगुरु को 15 दिन की अवधि : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मांडे समिति ने अपनी जांच पूरी करने के बाद उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंपी है। इसलिए 8 मई को विभाग ने कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी को पत्र भेजते हुए जांच कमेटी के रिपोर्ट पर जवाब दायर करने को कहा है। डॉ. चौधरी को जवाब दायर करने के लिए 15 दिन की अवधि दी गई है।

अब कानूनी तरीके से निलंबन की योजना? : कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया था कि डॉ. सुभाष चौधरी को निलंबित करते समय एकसमान कानून प्रक्रिया (युनिफॉर्म स्टॅट्यूट) का पालन नहीं हुआ है। एकसमान कानून के तहत कुलगुरु को पद से हटाने की कार्यवाही शुरू करने के पहले प्रारंभिक जांच करना अनिवार्य है, लेकिन डॉ. चौधरी के मामले में ऐसी कोई भी प्रारंभीक जांच नहीं की गई है। इसलिए राज्यपाल द्वारा जारी निलंबन के फैसले को कोर्ट ने रद्द किया था। इसलिए अब डॉ. चौधरी को कानूनी तरीके से निलंबित करने की योजना बनाई जाने की चर्चा है?

Created On :   21 May 2024 12:06 PM IST

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