मांग: विदर्भ के विकास में उद्योग मंत्री को रूचि नहीं

विदर्भ के विकास में उद्योग मंत्री को रूचि नहीं
विदर्भ के विकास को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ के विकास में राज्य के उद्योग मंत्री को रूचि नहीं है। उनकी ओर से इस मामले में कोई सकारात्मक पहल नहीं की जाती है। क्षेत्र में उद्योगों के विकास के लिए अच्छी नीति बनाने की जरूरत है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हम सरकार से पिछले 2 साल में क्षेत्र में उद्योगों को लेकर हुए सामंजस्य करार की स्थिति के बारे में जानकारी मांगेंगे।

प्राकृतिक संसाधनों के रणनीतिकार प्रदीप माहेश्वरी और एमआईडीसी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, चंद्रपुर के अध्यक्ष मधुसूदन रूंगटा ने पत्र परिषद में कहा कि, राज्य सरकार को विदर्भ के विकास को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा- अतिरिक्त आय जुटाने के लिए सरकार को विदर्भ का तेजी से औद्योगिक विकास और युवाओं के लिए 10 लाख नौकरियों का सृजन करना होगा। छोटे किसानों को उद्योगांे में नौकरी देकर उनका तनाव कम करना चाहिए। कोयला और बिजली विदर्भ की ताकत है। यहां के उद्योगों को प्रति यूनिट 3 रुपए छूट देनी चाहिए। साथ ही कोयले की दर 500 पीएमटी कम होनी चाहिए। रत्नागिरी जैसे बड़े पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स विदर्भ में आना चाहिए। आरपीसी के लिए रत्नागिरी और नागपुर में फेयर कम्पैरिजन होना चाहिए। मिनरल प्रोसेसिंग आधारित एमएसएमई को प्रोत्साहित करना चाहिए। गड़चिरोली के टेक्सटाइल्स पार्क और स्टील प्लांट की तरह बुटीबोरी में बड़े क्लस्टर की घोषणा होनी चाहिए।

Created On :   1 Dec 2023 9:06 AM GMT

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