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नहीं सुधरेंगे: नो पार्किंग में ही कार पार्किंग, धंतोली क्षेत्र में फैली विविध अव्यवस्थाओं का मुद्दा उठाया
डिजिटल डेस्क, नागपुर। धंतोली नागरिक मंडल ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर कर धंतोली क्षेत्र में फैली विविध अव्यवस्थाओं का मुद्दा उठाया है। कोर्ट की फटकार के बाद यातायात पुलिस विभाग ने धंतोली और रामदासपेठ क्षेत्र में पार्किंग और यातायात की समस्या हल करने लिए अधिसूचना निकाली है। लेकिन इस अधिसूचना का प्रभावी अमल न होने की वजह से धंतोली में नो पार्किंग जोन में ही कार पार्किंग एवं अन्य कई समस्या जस की तस होने का दावा याचिकाकर्ता ने किया है। साथ ही याचिकाकर्ता इस संबंध में तस्वीर पेश करते हुए यातायात और पार्किंग की समस्या को कोर्ट की संज्ञान में लाया।
जाम से राहत की गुहार : याचिकाकर्ता ने धंतोली क्षेत्र में फैली अतिक्रमण और यातायात की समस्या पर प्रकाश डाला है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना की थी कि क्षेत्र में बनने वाली नई इमारतों में पार्किंग के पुख्ता प्रबंध करने के आदेश जारी किए जाएं। साथ ही मौजूदा भूखंड और निर्माण कार्य संबंधी नियमों में भी जरूरी बदलाव किए जाएं, ताकि क्षेत्र के निवासियों को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिले। कोर्ट ने आदेश के अनुसार धंतोली और रामदासपेठ क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। लेकिन अस्पतालों सहित इमारतों में अनधिकृत निर्माण को पूरी तरह से ध्वस्त नहीं किया गया। इसी को लेकर कोर्ट ने पिछली सुनवाई में मनपा अधिकारियों को जमकर फटकारा था। साथ ही कोर्ट ने धंतोली, रामदासपेठ क्षेत्र के लिए पार्किंग, नो पार्किंग, नो हॉकर्स को लेकर 2017 में लिए गए फैसले पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया था।
तस्वीरों से हकीकत बताई : मामले पर बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। इस समय यातायात पुलिस विभाग द्वारा दायर शपथपत्र के अनुसार, धंतोली में यातायात समस्या को हल करने के लिए पुलिस ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की है। तदनुसार, यातायात पुलिस ने अति धंतोली क्षेत्र में यातायात की समस्या को हल करने के लिए 20 जुलाई से कुछ पार्किंग प्रतिबंध लगाए हैं। साथ ही यातायात मार्गों में बदलाव किया गया है। इस पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताते हुए इस क्षेत्र की कुछ तस्वीरें प्रस्तुत कीं। 23 जुलाई को ली गई इन तस्वीरों के मुताबिक, नो पार्किंग जोन में अभी भी कार पार्किंग किए जाने की बात सामने आई। याचिकाकर्ता की ओर से एड. आशुतोष धर्माधिकारी, एड. अश्विन देशपांडे, मनपा की ओर से एड. जेमिनी कासट और राज्य सरकार की आेर से एड. दीपक ठाकरे ने पैरवी की।
समिति के गठन का सुझाव : मनपा और यातायात पुलिस विभाग सिर्फ कार्रवाई करने का दावा करती है। हालांकि, वास्तविकता अक्सर भिन्न होती है। इसलिए, याचिकाकर्ता द्वारा यह सुझाव दिया गया कि याचिकाकर्ता के साथ-साथ सभी उत्तरदाताओं की एक संयुक्त समिति स्थापित की जानी चाहिए और कार्यवाही की जांच की जानी चाहिए। कोर्ट ने इस पर प्रतिवादियों से राय मांगी है।
22 अवैध निर्माणों पर हथौड़ा : कोर्ट ने समिति के लिए विशेषज्ञों के नाम को सुझाव देने का आदेश दिया है। मनपा की ओर से पेश शपथपत्र के मुताबिक, अपर मनपा आयुक्त ने बताया कि उनके सर्वे में धंतोली, रामदासपेठ क्षेत्र में 22 अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। साथ ही अब 80 निर्माण कार्यों को नोटिस जारी किया गया है। उनकी समीक्षा करने और यह तय करने के लिए कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए या नहीं, इसके लिए चार सप्ताह की समय सीमा मांगी गई थी। इसलिए कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की है।
Created On :   25 July 2024 3:50 PM IST