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अतिक्रमण: धंतोली क्षेत्र में फैली अव्यवस्थाओं पर कंट्रोल करना अधिकारियों के सहयोग के बिना संभव नहीं
- कोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई
- अनधिकृत निर्माण को पूरी तरह से ध्वस्त नहीं किया
- धंतोली क्षेत्र में फैली अतिक्रमण और यातायात की समस्या पर याचिका
डिजिटल डेस्क, नागपुर। धंतोली नागरिक मंडल ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर कर धंतोली क्षेत्र में फैली विविध अव्यवस्थाओं का मुद्दा उठाया है। कोर्ट के आदेश के बाद धंतोली और रामदासपेठ क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है, लेकिन अस्पतालों सहित इमारतों में अनधिकृत निर्माण को पूरी तरह से ध्वस्त नहीं किया जा सका है। इसी बात को लेकर कोर्ट ने बुधवार को मनपा अधिकारियों को जमकर फटकारा। कोर्ट ने कहा कि पिछले 12 साल से यह याचिका प्रलंबित है, इतने साल से क्या आप सो रहे हो? कोर्ट ने मनपा अधिकारियों पर तंज कसते हुए ईमानदारी से काम नहीं करने पर सवाल उठाया। साथ ही कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों के सहयोग के बिना यह अनधिकृत निर्माण करना संभव नहीं है।
इसके पहले भी नाराज हुआ था कोर्ट : याचिकाकर्ता ने धंतोली क्षेत्र में फैली अतिक्रमण और यातायात की समस्या पर प्रकाश डाला है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना की थी कि क्षेत्र में बनने वाली नई इमारतों में पार्किंग के पुख्ता प्रबंध करने के आदेश जारी किए जाएं। साथ ही मौजूदा भू-खंड और निर्माणकार्य संबंधी नियमों में भी जरूरी बदलाव किए जाएं, ताकि क्षेत्र के निवासियों को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिले। सुनवाई के दौरान मनपा द्वारा अतिक्रमण निर्माण हटाने को लेकर कार्रवाई करने के दौरान भेदभाव की बात सामने आई थी। इस पर कोर्ट ने आपत्ति जताई थी। धंतोली और लक्ष्मीनगर के जोन उपायुक्त को शो कॉज नोटिस जारी करते हुए अवमानना कार्रवाई की चेतावनी दी थी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मनपा को सिर्फ दीवारें ही नहीं, पूरा अनधिकृत निर्माण तोड़ने के आदेश देते हुए की गई कार्रवाई के संबंध में आंकड़ों के साथ उचित जानकारी दाखिल करने के आदेश दिए थे। मामले पर बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की ओर से एड. अश्विन देशपांडे, एड. आराध्य पांडे, मनपा की ओर से एड. जेमिनी कासट और राज्य सरकार की आेर से एड. दीपक ठाकरे ने पैरवी की।
अस्पतालों की अवैध पार्किंग नजर नहीं आती? : कोर्ट ने मनपा अधिकारियों के कार्यों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आम लोगों का सिर्फ तीन वर्ग फीट का अवैध निर्माण दिखे तो आप तुरंत वहां जाते हो और उसे तोड़ देते हो। लेकिन क्या आपको अस्पतालों की पार्किंग में पांच हजार वर्ग फीट तक का अवैध निर्माण नजर नहीं आता?
ट्यूशन क्लास की भी यही कहानी : कोर्ट ने अपनी मौखिक टिप्पणी में कहा कि, अस्पताल पार्किंग स्थलों पर कब्जा कर लेते हैं। वहां कई तरह के अवैध निर्माण खड़े कर दिए गए हैं। कई डॉक्टर तो अपने अस्पताल में आते समय अपनी गाड़ियां सामने सड़क पर ही खड़ी कर देते हैं। इससे इस क्षेत्र के निवासियों को काफी परेशानी होती है। इतना ही नहीं, शहर में बड़े ट्यूशन क्लास की भी यही कहानी है।
22 जुलाई तक रिपोर्ट पेश करें : इस मामले में कोर्ट ने धंतोली और लक्ष्मीनगर जोन के अधिकारियों पर अवमानना कार्रवाई करने का संकेत दिया है। मनपा के अतिरिक्त आयुक्त को आदेश दिया कि वे इन प्रसिद्ध अस्पतालों का दौरा कर इन अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई का निरीक्षण करें और तथ्यों की जांच करें। साथ ही 22 जुलाई तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए। इस समय कोर्ट के आदेश के अनुसार यातायात पुलिस विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में यातायात पुलिस उपायुक्त शशिकांत सातव ने उपस्थित होकर प्रस्तुत जानकारी दी। कोर्ट ने इस जानकारी पर भी असंतोष जताया। साथ ही कोर्ट ने धंतोली, रामदासपेठ क्षेत्र के लिए पार्किंग, नो पार्किंग, नो हॉकर्स को लेकर 2017 में लिए गए फैसले पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया।
Created On :   27 Jun 2024 6:25 AM GMT