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कम हुए बाघ - राज्य में बढ़ी संख्या, पर पेंच व उमरेड करांडला अभयारण्य में संख्या घटी
- अपेक्षा के अनुरूप संख्या में इजाफा नहीं
- कम हुए बाघ
- करांडला अभयारण्य में संख्या घटी
- सटीक आंकड़ा मुश्किल
डिजिटल डेस्क, नागपुर. हाल ही में 4 साल बाद एनटीसीए ने देश भर के जंगलों में मौजूद बाघों के आंकड़े सामने रखे थे, जिसमें केवल महाराष्ट्र की बात करें तो 4 सौ से ज्यादा बाघों की मौजूदगी बताई गई है। यह पिछले आंकड़ों से ज्यादा है, हालांकि अभी तक राज्य के पेंच व उमरेड करांडला में स्वतंत्र रूप से कितने बाघ हैं, यह आंकड़ा स्पष्ट नहीं हुआ है। इन दोनों क्षेत्र में बाघों की संख्या कम होने के संकेत हैं। पेंच में अनुमानित 41 व उमरेड करांडला में 6 बाघों की मौजूदगी बताई गई है। पिछली बार की आंकड़ों के अनुसार, पेंच में 49 व उमरेड करांडला में 10 के करीब बाघों की मौजूदगी थी। इस साल राज्य में बाघों की संख्या बढ़ने पर नागपुर जिले के उक्त दोनों जगहों पर बाघों की संख्या में इजाफा अपेक्षित था, लेकिन कमी देखने को मिल रही है। पेंच व्याघ्र प्रकल्प की बात करें तो यहां लगभग 49 बाघों की मौजूदगी पहले ही थी। वहीं, उमरेड करांडला जैसे छोटे से अभयारण्य में भी 10 से ज्यादा बाघों की मौजूदगी थी। अब इनकी संख्या कम होने से निश्चित तौर पर पर्यटकों को मायूस होना पड़ सकता है।
छोटे दायरे में बाघों की संख्या थी ज्यादा : नागपुर का उमरेड करांडला का दायरा बहुत बड़ा नहीं है। यहां वर्ष 2019 की गणना के अनुसार, क्षेत्र से ज्यादा बाघों की मौजूदगी थी। मुख्य कारण यहां की तीन बाघिन हैं। कभी यहां एक बाघ व 3 बाघिन ही देखने को मिलते थे। बीच-बीच में ब्रह्मपुरी से भूले-भटके बाघ यहां आते रहते थे। बाघों की संख्या बहुत कम होने के कारण जंगल सफारी के दौरान आसानी से साइडिंग नहीं होती थी, जिससे सैलानियों को मायूस होकर लौटना पड़ता था। अब स्थिति बदल गई थी, क्योंकि यहां मौजूद फेरी नामक बाघिन के 5 शावक थे। वहीं, कॉलरवाली बाघिन को भी 3 शावक थे। इसके अलावा शाडो नामक बाघिन के भी 3 शावक थें। साथ ही यहां सूर्या व एन4 नाम के दो बाघ भी मौजूद थे। मानव-वन्यजीव संघर्ष, अवैध शिकार, क्षेत्र की कमी व बाहरी बाघों की घुसपैठ के कारण अब यहां दस से कम बाघ रह गए हैं।
सटीक आंकड़ा मुश्किल
डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला, उपवनसंरक्षक (वाइल्ड लाइफ) वन विभाग के मुताबिक पेंच में अभी कितने बाघ हैं, इसका सटीक आंकड़ा निकालना मुश्किल हो रहा है। लेकिन यहां पर अनुमानित 43 के करीब बाघों की मौजूदगी है। बाघ आते-जाते रहते हैं, जिससे कमी नहीं कहेंगे। संख्या समान ही बनी है।
पेंच में 49 बाघ मौजूद
महाराष्ट्र का पेंच 7 सौ से ज्यादा वर्ग किमी में फैला जंगल है। यहां दो रेंज हैं, जिसमें 6 से ज्यादा बीट भी हैं। इसमें पवनी यूनी कंट्रोल, देवलापार, ईस्ट पेंच, चोरबाहुली, सालेघाट बीट आती है। हर साल यहां बाघों की संख्या बढ़ रही थी। पिछले आंकड़ों के अनुसार यहां 49 बाघ थे। तेंदुओं की संख्या भी कम नहीं है। बाघों की बढ़ती संख्या सैलानियों के बढ़ने का कारण भी बनता जा रहा था, लेकिन इस बार आंकड़ों के अनुसार यहां अब 41 से 43 ही बाघ मौजूद हैं।
Created On :   31 Aug 2023 3:53 PM IST