गर्मी में बढ़ेगी परेशानी: जलसंचय में कमी, जिले में 15% कम पानी, किसानों के लिए अच्छी खबर नहीं

जलसंचय में कमी, जिले में 15% कम पानी, किसानों के लिए अच्छी खबर नहीं
  • रबी फसल में सिंचाई के लिए परेशानी हो सकती है
  • किसानों के लिए अच्छी खबर नहीं
  • 75.39 फीसदी ही जल संग्रहण लघु बांधों में
  • 2 फीसदी की कमी मध्यम स्तर के 42 बांधों में

डिजिटल डेस्क, नागपुर. अनियमित बारिश के कारण राज्य भर के बांधों के साथ ही जिले में भी बांधों में कम जलसंचय बना हुआ है। पिछले साल 15 अक्टूबर तक जिले के बांधों में 96.82 फीसदी जलसंचय बना हुआ था, जबकि इस साल इसमें कमी होकर 82.38 बना हुआ है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस साल करीब डेढ़ माह तक बरसात नहीं होने से कम संचय हुआ है, हालांकि बरसात के समापन होने तक कुछ हद तक राहत मिली है। हालांकि जिले में लघुस्तर के 325 बांधों में पिछले साल की तुलना में बेहतर जलसंचय पाया गया है। इस साल लघु बांधों में 75.39 फीसदी संचय बना हुआ है। पिछले साल बांधों में 67.54 फीसदी था। जलसंपदा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जिले में पेयजल को लेकर स्थिति संतोषजनक है, लेकिन किसानांे को रबी मौसम में परेशानी हो सकती है।

दगा देने के कारण यह स्थिति

इस साल देरी से मानसून के आरंभ होने के बाद भी बरसात अच्छे रूप में शुरू हुई थी, लेकिन इसके बाद जुलाई और अगस्त माह में बरसात के गायब होने से दिक्कत हुई है। हालांकि सितंबर माह में वापसी के दौर में बरसात के अच्छे होने से उम्मीद बंधी है। ऐसे में जिले के बड़े बांधों में पिछले साल की तुलना में महज 3 फीसदी कमी है। वहीं दूसरी ओर मध्यम स्तर के 42 बांधों में भी 2 फीसदी की कमी आई है। मध्यम स्तर के बांधों में इस साल 90.97 फीसदी संचय बना हुआ है, जबकि पिछले साल 92.74 फीसदी था। वहीं दूसरी ओर लघु स्तर के 325 बांधों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। इस साल बांधों में जलसंचय 75.39 बना हुआ है, जबकि पिछले साल 67.54 फीसदी था।

सभी बांधों में कमी

इस साल देरी से मानसून के आरंभ होने के बाद भी बरसात अच्छे रूप में शुरू हुई थी, लेकिन इसके बाद जुलाई और अगस्त माह में बरसात के गायब होने से दिक्कत हुई है। बावजूद इसके अगस्त माह तक 63 फीसदी संचय हुआ था। जिले में पांच बड़े बांध मौजूद हैं। इन बांधों में भी स्थिति संतोषजनक पाई गई थी, लेकिन बाद में बरसात नहीं होने से वाष्पीकरण प्रक्रिया से संचय कम होने लगा था। इस साल 15 अक्टूबर तक जिले के पांच बड़े बांधों में 88.86 फीसदी संचय पाया गया है, जबकि पिछले साल 15 अक्टूबर तक 91.54 फीसदी जलसंचय बना हुआ था। पूरे राज्य भर में 6 विभागों में भी इस साल 82.39 फीसदी बना हुआ है, जबकि पिछले साल 96.82 जलसंचय था। ऐसे में अब जलसंपदा विभाग पूरे साल भर के लिए उपाय योजना का निर्धारण करने का प्रयास कर रहा है।

रबी मौसम में सिंचाई में हो सकती है दिक्कत

सुधाकर बोरले, कार्यकारी अभियंता, जलसंपदा विभाग के मुताबिक जिले में पेयजल आपूर्ति के लिए स्थानीय निकायों को जल आरक्षण कर दिया जाता है, ऐसे में पेयजल को लेकर संकट की स्थिति नहीं होती है। कम जलसंचय के चलते रबी फसल में सिंचाई के लिए परेशानी हो सकती है। ऐसे में जलव्यवस्थापन को लेकर उपाय योजना की जाएगी।


Created On :   17 Oct 2023 4:44 PM IST

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