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Nagpur News: शहर के पेड़ों को कंक्रीट मुक्त करने समिति गठित, चार सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
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- विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में काम
- शहर के पेड़ों को कंक्रीट मुक्त करने समिति गठित
Nagpur News. शहर में पेड़ों के आधार को सीमेंट से ढंकना और चारों ओर कंक्रीट लगाने से पेड़ों का अतित्व ही खतरे में आ गया है। इसलिए शहर की पेड़ों को कंक्रीट मुक्त करने की मांग करते हुए पर्यावरण विशेषज्ञों ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है। यह समस्या हल करने के लिए कोर्ट ने विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित करने के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने समिति को चार सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। इस समिति में मनपा, नासुप्र, पीडब्ल्यूडी, एनएमआरडीए, मेट्रो आदि एजेंसी को भी शामिल किया गया है।
प्राकृतिक संसाधन की अनदेखी
मामले पर गुरुवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। नागपुर खंडपीठ में शरद पाटील और अन्य तीन पर्यावरण विशेषज्ञों ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका के अनुसार, शहर में इमारतों, टाउनशिप, सड़कों और अन्य क्षेत्रों में हो रहे निर्माण कार्यों के कारण इस महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन की अनदेखी की जा रही है और अक्सर विकास के नाम पर पेड़ों को काटा जा रहा है। जिन पेड़ों को विकास गतिविधियों में शामिल कर काटा नहीं गया, ऐसे पेड़ों को सीमेंट और कंक्रीट में दबाया जा रहा है, जिससे उनका अस्तित्व पूरी तरह खत्म हो रहा है।
यह सुनिश्चित करना होगा
शहर में रास्ते और अन्य विकास कार्यों के दौरान यह सुनिश्चित करना है कि पेड़ों के चारों ओर 1.20 मीटर वर्ग क्षेत्र छोड़ा जाए, लेकिन सीमेंट कंक्रीट सड़कों और सड़कों की तारबंदी या पेवर ब्लॉक लगाने के संबंध में किए जा रहे सभी कार्यों के दौरान पेड़ों को चारों ओर से कंक्रीट करने से उनकी जड़ें जम गई हैं। इसलिए शहर के पेड़ों को बचाने और उन्हे कंक्रीट मुक्त करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई है। साथ याचिका में इसरो के क्षेत्रीय रिमोट सेंसिंग केंद्र की जानकारी का आधार लेते हुए कहा गया है कि नागपुर, जो कभी देश के सबसे हरे-भरे शहरों में से एक था, लेकिन 1999 से 2018 के बीच बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कारण शहर ने अपने हरित क्षेत्र का 40 वर्ग किमी से अधिक हिस्सा खो दिया है। इस मामले में गुरुवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. राधिका बजाज ने पैरवी की।
Created On :   14 Feb 2025 8:06 PM IST