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दहशत: लेन-देन की रंजिश में चली गोली, आनंद नगर में घटना, गैंगवार भड़कने की आशंका
- वसूली व हत्या के प्रयास का मामला दर्ज
- तीन महीना पहले भी विवाद हुआ था
- दोनों गुटों ने कार्रवाई से बचने घटना छिपाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर. आपराधिक तत्वों के दो गुटों में बुधवार को दिनदहाड़े झड़प हो गई। गोली चली। एक व्यक्ति घायल हो गया। बर्डी के आनंद नगर में हुई इस घटना से कुछ समय के लिए अफरा-तफरी और तनाव का माहौल रहा। आरोप-प्रत्यारोप के बीच बर्डी थाने में दोनों गुटों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। दोनों गुटों के सात से आठ लोगों को िगरफ्तार किया गया है। इससे गैंगवार भड़कने की आशंका व्यक्त की जा रही है। बर्डी के आनंद नगर निवासी मृणाल गजभिये (29) और जैनुल अस्बुद्यीन सलिम कुरैशी सदर निवासी हैं। दोनों अापराधिक प्रवृती के हैं। पहले उनमें मित्रता थी, मगर गत कुछ महीनों से वर्चस्व व अन्य कारणों को लेकर उनमें रंजिश जारी है। करीब तीन महीना पहले भी उनमें विवाद और मारपीट की घटना हुई थी। दो-तीन दिन से जैनुल, मृणाल को फोन कर रुपए मांग रहा था। उसके लिए वह मृणाल से मिलना चाहता था, मगर मृणाल ने उसे घर आने और मिलने से मना किया था। उसके बाद भी जैनुल अपने पांच-छह साथियों के साथ मृणाल के आनंद नगर स्थित घर के पास पहुंचा। जैनुल ने उसे रुपए की मांग की। उसे धमकाया। दोनों के बीच तीखी-नोंक झोंक हुई। तैश में आकर मृणाल ने पिस्टल निकाली और जैनुल पर तान दी। वह गोली चलाता उसके पहले ही जैनुल, उसके साथी नीतिन गुप्ता व अन्य ने मृणाल के हाथ से पिस्टल छीन ली।
छीना-झपटी में पिस्टल से गोली चल गई
छीना-झपटी में पिस्टल से गोली चली और जैनुल के जांघ में जा लगी। उसके बाद जैनुल के साथी पिस्टल लेकर भाग निकले, लेकिन मृणाल और उसके माता-पिता ने नीतिन को यह कहते हुए पकड़ रखा था कि जब तक पिस्टल वापस नहीं िमलती है, तब तक उसे नहीं छोड़ेंगे। नितीन पर उसके साथियों से पिस्टल मंगवाने की बात को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। पता चलते ही उपायुक्त राहुल मदने, निरीक्षक आसाराम चोरमले आदि दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। घटनास्थल से पुलिस ने गोली का खाली खोल जब्त किया है।
दोनों गुटों ने कार्रवाई से बचने घटना छिपाई
दोनों गुट के सदस्य पुलिस की कार्रवाई से बचना चाहते थे। इस कारण प्रकरण के गंभीर होने के बावजूद इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी। जख्मी का उपचार कराने के लिए कई निजी चिकित्सकों से फोन व प्रत्यक्ष रूप से संपर्क किया गया, लेकिन चिकित्सकों का कहना था कि गोली लाइसेंसी पिस्टल से चली या बगैर लाइसेंसी, क्योंकि बगैर लाइसेंसी पिस्टल से गोली चलती तो चिकित्सकों के भी पुलिस के लपेटे में आने की संभावना थी। अक्सर लाइसेंसी पिस्टल में तकनीकी खामी बताकर कार्रवाई से बचा जा सकता था। आखिरकार बात पुलिस तक पहुंच गई, जिससे दोनों गुटों पर हत्या का प्रयास व वसूली का मामला दर्ज किया गया है। दोनों गुटों के सात से आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घटना से गैंगवार भड़कने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
चिकित्सक को गुमराह करने का प्रयास
जख्मी जैनुल का उपचार कराने के लिए आरोपियों को चिकित्सक को यह कहकर गुमराह करने का प्रयास किया कि जेब में पिस्टल होने से वाहन में बैठते वक्त गोली चली और वह जख्मी हो गया।
Created On :   4 April 2024 12:49 PM GMT