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स्टेशन पर बीमार-बुजुर्गों की जगह हट्टे-कट्टों को ढो रहीं बैटरी कार
- पैसा कमाने का जरिया बन गई
- रेल प्रशासन की आंखें बंद
- हट्टे-कट्टों को ढो रहीं बैटरी कार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे स्टेशन पर बैटरी कार का शुभारंभ बीमार, बुर्जुग व दिव्यांगों को सहारा देने के लिए किया गया, लेकिन अब स्वस्थ यात्रियों को बैठाकर बैटरी कार चालक पैसा कमाने में जुटे हैं। जरूरतमंद यात्रियों को बार बैटरी कार उपलब्ध नहीं हो रही है। रेलवे का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
लगेज भी ढोते नजर आती हैं : नागपुर स्टेशन पर कुल 8 प्लेटफार्म हैं। एक से सात नंबर तक प्लेटफार्म पर एफओबी की सहायता जुड़े हैं। यानी एक नंबर से किसी प्लेटफार्म पर जाना है, तो एफओबी से जाया जा है। सामान्य यात्रियों के लिए यह आसान है, लेकिन बीमार, बूढ़े व दिव्यांग यात्रियों के लिए मुश्किल रहता है। इसे ध्यान में रखते हुए कुछ समय पहले स्टेशन पर बैटरी कार की सुविधा उपलब्ध कराई गई। इस कार की मदद से ऐसे यात्री जो चलने में सक्षम नहीं है, उनको प्लेटफार्म तक पहुंचाना पड़ता है। इसमें कभी-कभी लगेज भी ले जाया जा सकता है, लेकिन इन दिनों बैटरी कार चालक व्यवसाय करते दिख रहे हैं। हट्टे-कट्टे यात्रियों को भी बैटरी कार से ले जाया जा रहा है। उनके भारी भरकम लगेज की भी ढुलाई की जाती है। बदले में पैसे लिए जाते हैं। पैसों की चाह में यह काम लगातार होता रहता है, लेकिन इससे जरूरतमंद यात्रियों की पहुंच से यह कार दूर होती जा रही है।
2 की जगह 3 कार चलाई जा रही हैं : स्टेशन पर प्लेटफार्म पर वैसे ही यात्रियों की भीड़ के बीच पैर रखने के लिए भी जगह नहीं होती है। ऐसे में बैटरी कार का चल पाना काफी मुश्किल होता है। यात्रियों के लगेज आदि बचा-बचाकर इसे ले जाना पड़ता है। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है। एक या दो ही बैटरी कार यहां जरूरतमंदों के लिए चलनी चाहीए, लेकिन वर्तमान में 3 बैटरी कार चलाई जा रही हैं, जिसका मात्र उद्देश पैसा कमाना नजर आ रहा है।
Created On :   5 Jun 2023 6:30 PM IST