पुलिस चौकियों का हाल: पुलिस चौकियों पर लगे ताले, रिकॉर्ड में अभी भी ‘रखवाले’

पुलिस चौकियों पर लगे ताले, रिकॉर्ड में अभी भी ‘रखवाले’
तत्कालीन पुलिस आयुक्त डा. के. व्यंकटेशम के कार्यकाल में शुरू किया गया था पुलिस चौकियों का चलन

अभय यादव , नागपुर । उपराजधानी के पुलिस थानों पर काम का बोझ कम करने के उद्देश्य से तत्कालीन पुलिस आयुक्त डॉ. के. व्यंकटेशम के कार्यकाल में शहर के विविध थाना क्षेत्रों में पुलिस चौकियां खोली गई थीं। इन पुलिस चौकियों में 5 से 6 कर्मचारियों को तैनात किया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर में 40 से अधिक पुलिस चौकियां शुरू की गई थी। इस पुलिस चौकियों में तैनात थाने के पुलिसकर्मी हर छोटे मामले को सुलझा दिया करते थे, बड़े मामले ही थाने में भेजे जाते थे। वर्तमान में शहर के मानस चौक, धंतोली, गरोबा मैदान, जरीपटका, पांचपावली, नमकगंज, हसनबाग, भालदारपुरा, महल कोतवाली थाने के पास जलालपुरा पुलिस चौकी, नंदनवन में स्वतंनगर पुलिस चौकी सहित अधिकांश जगहों पर खोली गई पुलिस चौकियों पर ताले लटके नजर आते हैं। यहां पर तैनात किए गए पुलिसकर्मियों को वापस थाने में बुला लिया गया है।

अब तो ताला नजर आता है : जानकारों की मानें तो शहर की ये पुलिस चौकियां अब बंद हो चुकी हैं। अधिकांश पुलिस चौकियों पर हमेशा ताला लटका नजर आता है। हालांकि रिकार्ड में यह अभी भी मौजूद हैं। जानकारी के अनुसार एक दो पुलिस चौकियों को छोड़कर बाकी सभी पुलिस चौकियों को बंद कर दिया गया है। इन पुलिस चौकियों के स्टॉफ को वापस संबंधित पुलिस थानों में भेज दिया गया है। अधिकांश पुलिस चौकियों में अपराध शाखा पुलिस की यूनिट खोल दी गई है।

इसलिए बनाई गई थी पुलिस चौकियां : सूत्रों के अनुसार इस समय शहर में 34 पुलिस थाने संचालित हो रहे हैं। पुलिस चौकियों का चलन तब शुरू किया गया था, तब शहर में 30 थाने थे। शहर के अधिकांश थानों का दायरा काफी बढ़ा हुआ था। दूर रहने वाले नागरिकों को अपनी समस्या का समाधान तत्काल मिल सके, इसलिए पुलिस चौकियों का चलन शुरू किया गया था। बकायदा अपराध दर्ज करने का रजिस्टर रखा जाता था। पुलिस चौकी में एपीआई स्तर के अधिकारी मामले को समझकर शिकायत लेते थे और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में खुद ही मामले की छानबीन करते थे। अब सारा कामकाज थाने के कंधे पर है।

पुलिस थानों के साथ पुलिस चौकियां भी जरूरी : पूर्व नागपुर के विधायक कृष्णा खाेपड़े ने कुछ समय पहले कहा था कि पुलिस थानों के बनाए जाने से पुलिस चौकियों का महत्व कम नहीं होना चाहिए। पुलिस चौकियां खुलने से नागरिक थानों में जाने के बजाय पुलिस चौकी में जल्द पहुंचकर अपनी समस्या पुलिस को बता सकते हैं। उन्होंने पूर्व नागपुर में पुलिस थानों के अलावा नई पुलिस चौकियां भी खुलने की बात कही थी, लेकिन पूर्व नागपुर में भी कई पुलिस चौकियां बंद कर दी गई है।

Created On :   1 Dec 2023 11:51 AM IST

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