विसर्जन: बेसा में 20 कृत्रिम तालाबों की व्यवस्था, निर्माल्य कलश में ही विसर्जन की वस्तुएं डालें

बेसा में 20 कृत्रिम तालाबों की व्यवस्था, निर्माल्य कलश में ही विसर्जन की वस्तुएं डालें
  • कृत्रिम तालाबों की सुविधा
  • निर्माल्य कलश
  • विसर्जन की वस्तुएं भी अलग डालें

डिजिटल डेस्क, बेसा। पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए गणराया को विदाई देने के लिए बेसा में कृत्रिम पानी टंकी की व्यवस्था की गई है, जहां शनिवार से गणेशजी को अंतिम विदाई देने वालों का तांता लगना शुरू हो गया। पर्यावण को क्षति न पहुंचे, इसके लिए सभी तालाबों के किनारे कृत्रिम टैंक तैयार किए गए हैं। बेसा में इस बार 15 से 20 कृत्रिम टैंक लगाए जाएंगे, जिसमें 4 क्षेत्रों का समावेश है। बेसा चौक, घोगली, पिपला, बेसा रोड में टैंक लगाए जाएंगे। शनिवार को 5 टैंक लगाए गए, जिसमें श्रद्धालुओं ने नम आंखों से श्री को विदाई दी।

पहले शंकरपुर में किया जाता था विसर्जन

जितेंद्र चांदुरकर, पूर्व उपसरपंच, बेसा के मुताबिक पहले बेसा के लोग घरों में बैठाए जाने वाले गणेशजी का विसर्जन शंकरपुर के तालाब में करते थे। अब बीते कुछ वर्षों से कृत्रिम तालाबों में ही विसर्जन की प्रक्रिया की जा रही है। इस दौरान जो पीओपी की मूर्तियां रहती हैं, वे ऊपर आ जाती हैं। उन्हें जल्दी पानी से निकाल दिया जाता है, साथ ही पंडाल के गणपति सोनेगांव तालाब में विसर्जित किए जा रहे हैं। अभी बेसा नगर पंचायत बनने के बाद यह पहला साल है, इसलिए सभी लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि कृत्रिम तालाबों में ही विसर्जन करें।


Created On :   24 Sept 2023 6:34 PM IST

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