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आक्रोश: आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने किया चटनी-भाकर आंदोलन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। 26 हजार रुपए वेतन, सेवानिवृत्ति पेंशन व ग्रेच्युटी की मांग को लेकर 4 दिसंबर से आयटक के नेतृत्व में हड़ताल कर रही आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने संविधान चौक में चटनी-भाकर आंदोलन किया। हाथ में चटनी-रोटी लेकर सरकार के िखलाफ नारेबाजी की गई। महिला व बाल विकास आयुक्त ने बालविकास प्रकल्प अधिकारी और पर्यवेक्षकों को पत्र जारी कर हड़ताली कर्मचारियों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। उसे लेकर रोष प्रकट किया। सरकार चाहे जो कार्रवाई कर ले पर आंगनवाड़ी की चाबी नहीं देने की आयटक के राज्य महासचिव श्याम काले ने शासन, प्रशासन को चेतावनी दी।
मुख्यमंत्री ने वादा नहीं निभाया : आंदोलन शुरू करने से पहले महिला व बाल विकास विभाग मंत्री अदिति तटकरे के साथ हुई बैठक में समस्या का हल नहीं निकला। शीतसत्र के दौरान 18 दिसंबर को विधान भवन पर मोर्चा निकालकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात हुई। उस समय उन्होंने विभाग की बैठक बुलाकर समस्या का हल निकालने के लिए आश्वस्त किया। बैठक का पत्र भी निकाला गया, लेकिन अभी तक बैठक नहीं हुई। शीतसत्र समाप्त होने के दूसरे दिन 21 दिसंबर को उपमुख्यमंत्री के शासकीय निवास देवगिरि का घेराव कर बैठक बुलाने का आग्रह किया, लेकिन सरकार ने संज्ञान नहीं लिया। आश्वासन देकर पूरा नहीं किए जाने पर आयटक ने अनोखे अंदाज में आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। उसी की कड़ी में गुुरुवार को चटनी-भाकर आंदोलन कर सरकार की नीति का तीव्र निषेध किया। आंदोलन में वनिता कापसे, ज्योति अंडरसहारे, उषा चारभे, जयश्री चाहांदे, प्रीति राहुलकर, शालिनी पुरकर, अनिता गजभिये, वनिता भिवनकर, विद्या गजबे, विशाखा हाडके, स्मिता गजभिये, चंद्रप्रभा राजपूत, करुण साखरे, आशा बोधलखंडे, रेखा कोहाड, विजय कश्यप, कल्पना शेवाले, लता भड, सुनंदा भगत आदि सैंकड़ों कर्मचारी सहभागी हुए।
Created On :   29 Dec 2023 7:41 AM GMT