नागपुर: अधर में एड्स नियंत्रण संस्था के कर्मियों का समायोजन, ठेके पर सेवा देनेवाले वंचित

अधर में एड्स नियंत्रण संस्था के कर्मियों का समायोजन, ठेके पर सेवा देनेवाले वंचित
  • अधिसूचना में 23 साल से ठेके पर सेवा देनेवाले वंचित
  • एनएचएम के कर्मचारियों का समावेश
  • केंद्र ने दी थी 2014 में एनओसी

डिजिटल डेस्क, नागपुर. सरकार ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत 10 साल से अधिक समय से ठेका पद्धति पर सेवा दे रहे कर्मचारियों को स्थायी करने के लिए अधिसूचना जारी की है। इसका लाभ सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था अंतर्गत विविध कार्यक्रम, अभियान व योजनाओं के लिए काम कर रहे कर्मचारियों को मिलेगा। लेकिन अधिसूचना में महाराष्ट्र राज्य एड्स नियंत्रण संस्था के कर्मचारियों का उल्लेख नहीं किया गया है। जबकि यह संस्था 1999 से कार्यरत है। 23 साल से इस अभियान के लिए ठेका कर्मचारी काम कर रहे हैं। बावजूद उनका विचार नहीं किया गया है। राज्यभर में इस अभियान के लिए काम करनेवाले 2000 से अधिक और अकेले नागपुर जिले में यह संख्या 110 से अधिक है। सरकारी सेवा में समायोजन को लेकर उनका उल्लेख नहीं होने के कारण संस्था के कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटका है।

एनएचएम के कर्मचारियों का समावेश

प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने 14 मार्च 2024 को एक अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (एनएचएम) के ठेका कर्मचारियों काे सरकारी सेवा में समायोजित करने का निर्णय लिया गया है। इसका लाभ 10 साल व इससे अधिक समय से ठेके पर काम करनेवाले कर्मचारियों को मिलेगा। इसमें, टीबी, कैंसर, कुष्ठरोग व अन्य संक्रामक बीमारियां आदि के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम, अभियान व योजनाओं के लिए काम करनेवाले कर्मचारियों का समावेश है। 70 फीसदी कर्मचारियों को जिस पद पर सेवा दे रहे हैं, उसी के समकक्ष पदों के लिए सीधी सेवा के अाधार पर समायोजित किया जानेवाला है। वहीं 30 फीसदी प्रक्रिया सुधारित सेवा नियमों के तहत होगी। इसमें 1999 से सेवा दे रहे एडस् नियंत्रण कार्यक्रम के कर्मचारियों का समावेश नहीं किया गया है। इसलिए उनके भविष्य का क्या होगा, यह सवाल पैदा हो चुका है।

केंद्र ने दी थी 2014 में एनओसी

महाराष्ट्र राज्य एडस् नियंत्रण संस्था राज्य सरकार के अधीनस्थ कार्यरत हैं। इसके अंतर्गत एडस् के नियंत्रण व रोकथाम के लिए विविध कार्यक्रम चलाए जाते हैं। कर्मचारियों में समन्वयक, जांच कर्ता, दवा वितरक, अन्य कर्मचारी व अधिकारियों का समावेश है। राज्य में यह संख्या 2000 से अधिक बताई जाती है। वहीं नागपुर जिले में 110 से अधिक संख्या है। सूत्रों ने बताया कि 2014 में इन कर्मचारियों का समायोजन करने के लिए स्वास्थ्य व परिवार मंत्रालय के एचआईवी-एडस् कंट्रोल प्रोग्राम, नेशनल एडस् कंट्रोल आर्गनाइजेशन ने एनओसी दी है। उस समय राज्य सरकार ने इसे असंभव बता दिया था। इस बीच स्वास्थ्य विभाग व संस्था के बीच बैठक हुई थी। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया। अब नई अधिसूचना में भी उनके समायोजन का उल्लेख नहीं किया गया है। निराश कर्मचारियों ने महाराष्ट्र राज्य एड्स नियंत्रण संस्था के प्रकल्प संचालक, जिलाधिकारी, स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के प्रधान सचिव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के आयुक्त आदि को पत्र देकर सरकारी सेवा में समायोजन करने की मांग की है।

Created On :   1 April 2024 7:45 PM IST

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