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राहत: नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प में जीपीएस कॉलर को छोड़ भागी बाघिन को किया ट्रैंक्युलेट
- दो दिन तक सर्च अभियान चलाकर पकड़ा
- जीपीएस कॉलर लगाकर जंगल में छोड़ा
- विदर्भ में है 300 से ज्यादा बाघ
डिजिटल डेस्क, नागपुर। वन विभाग के ट्रांनवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प मेंनवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प मेंसलोकेशन अभियान में नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प में छोड़ी एक बाघिन अपना जीपीएस कॉलर निकालकर जंगल में भाग गई थी। इसके बाद परेशान रहे वन विभाग की टीम ने दो दिन तक सर्च अभियान चलाकर सोमवार को सुबह बाघिन का ढूंढकर ट्रैंक्युलेट किया और फिर उसे जीपीएस कॉलर लगाकर जंगल में छोड़ दिया है।
ताड़ोबा से पकड़कर नागझिरा में छोड़ा था : विदर्भ में कई व्याघ्र प्रकल्प हैं। जिसमें पेंच, ताड़ोबा, नवेगांव नागझिरा आदि शामिल हैं। सभी में बाघ हैं, लेकिन कुछ जगह कम, कुछ जगह काफी ज्यादा हैं। जिन जगहों पर बाघों की संख्या कम है, वहां के बाघों को पकड़ उन्हें कॉलर लगाकर कम बाघ वाले क्षेत्र में छोड़ा जाता है, ताकि बाघों का कुनबा बढ़ सके। गत वर्ष से इस प्रक्रिया को वन विभाग ने शुरू किया। फिलहाल विदर्भ में 300 से ज्यादा बाघ हैं। जिसमें 250 के करीब केवल चंद्रपुर के ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में हैं। यहां से बाघों को पकड़कर उन्हें नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प में छोड़ा जा रहा है, ताकि यहां बाघों की संख्या तेजी से बढ़ाई जा सके। इस अभियान में 11 अप्रैल को ताड़ोबा के कोर में रोमा नामक बाघिन को दूसरे शावक एनटी-3 को पकड़ा गया और मेडिकल जांच के बाद इसे जीपीएस कॉलर लगाकर नवेगांव-नागझिरा में छोड़ा गया था।
कई घंटे तक एक ही जगह पर मिल रहा था सिग्नल : जब इस बाघिन को लगाए जीपीएस कॉलर के सिग्नल पर नजर रखने वाली टीम कई घंटे एक ही जगह पर सिग्नल मिले, तो जांच की गई। जांच में पाया कि, बाघिन का कॉलर आईडी गिर गया है। ऐसे में अवैध शिकार आदि की आशंका के चलते परिसर की जांच की गई, लेकिन कोई प्रमाण नहीं मिला। ऐसे में बाघिन को अनुमान लगाते हुए बाघिन ढूंढना शुरू किया गया। जिसके बाद सोमवार को बाघिन मिली। टीम ने इसे डॉट मारकर बेहोश किया और वहीं पर कॉलर आईडी लगाकर उसे वापिस जंगल में छोड़ दिया गया। कार्रवाई प्रादेशिक नागपुर की वनसंरक्षक श्री लक्ष्मी ए के मार्गदर्शन में की गई।
कॉलर पहनाकर फिर नवेगांव-नागझिरा के जंगल में छोड़ा
कई घंटे तक एक ही जगह पर मिल रहा था सिग्नल : जब इस बाघिन को लगाए जीपीएस कॉलर के सिग्नल पर नजर रखने वाली टीम कई घंटे एक ही जगह पर सिग्नल मिले, तो जांच की गई। जांच में पाया कि, बाघिन का कॉलर आईडी गिर गया है। ऐसे में अवैध शिकार आदि की आशंका के चलते परिसर की जांच की गई, लेकिन कोई प्रमाण नहीं मिला। ऐसे में बाघिन को अनुमान लगाते हुए बाघिन ढूंढना शुरू किया गया। जिसके बाद सोमवार को बाघिन मिली। टीम ने इसे डॉट मारकर बेहोश किया और वहीं पर कॉलर आईडी लगाकर उसे वापिस जंगल में छोड़ दिया गया। कार्रवाई प्रादेशिक नागपुर की वनसंरक्षक श्री लक्ष्मी ए के मार्गदर्शन में की गई।
Created On :   16 April 2024 6:18 AM GMT