कोर्ट-कचहरी: राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने अंबाझरी पर लिया सू-मोटो संज्ञान

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने अंबाझरी पर लिया सू-मोटो संज्ञान
  • जिलाधिकारी और मनपा को नोटिस जारी
  • तालाब के पास ऊंची इमारत के निर्माण से बढ़ रहा खतरा
  • पुणे के पश्चिमी क्षेत्रीय पीठ में 5 सितंबर को अगली सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अंबाझरी बांध की सुरक्षा को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका प्रलंबित है। इसी के चलते अब राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण मुख्य पीठ, नई दिल्ली ने भी अंबाझरी तालाब के पास ऊंची इमारत के निर्माण से बढ़ रही बाढ़ की चिंता पर अखबार में छपी खबर का सू-मोटो संज्ञान लिया है, साथ ही राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने मामले में नागपुर जिलाधिकारी और महानगर पालिका को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का आदेश दिया है।

5 सितंबर को अगली सुनवाई : राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्या. प्रकाश श्रीवास्तव, सदस्य न्या. अरुण कुमार त्यागी, विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल के समक्ष हुई सुनवाई में यह आदेश दिया गया। सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने अखबार में दिए गए पिछले साल सितंबर में अंबाझरी परिसर में आई विनाशकारी बाढ़, लोगों की संपत्तियों और बुनियादी ढांचे को हुआ भारी नुकसान, अंबाझरी तालाब परिसर में ऊंची इमारतों के निर्माण के कारण बढ़ रही बाढ़ की चिंता, निवासियों के पर्यावरण की सुरक्षा आदि मुद्दों पर गौर करते हुए चिंता जताई है। इस सभी मुद्दों को जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने उक्त आदेश जारी किए हैं। इस मामले में आगे की कार्रवाई करने के लिए पश्चिमी क्षेत्रीय पीठ, पुणे को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है। अब पुणे के पश्चिमी क्षेत्रीय पीठ में 5 सितंबर को मामले पर अगली सुनवाई होगी।

याचिका में अवैध निर्माणों पर सवाल : मनपा, नासुप्र और महामेट्रो इन तीनों प्रशासनों ने अंबाझरी व नाग नदी परिसर में किया हुआ निर्माण गलत है। इस कारण पिछले साल सितंबर महीने में इस परिसर में बाढ़ आई और हजारों लोगो को नुकसान सहना पड़ा। मामले की न्यायालयीन जांच की मांग करते हुए नुकसानग्रस्त रामगोपाल बचुका, जयश्री बंसोड़, नत्थूजी टिक्कस इन नागरिकों ने नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में अंबाझरी तालाब और नाग नदी परिसर के अवैध निर्माणों पर सवाल उठाया गया है, वहीं दूसरी ओर अब राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने तालाब परिसर के बाढ़ की चिंता बढ़ाने वाली ऊंची इमारत के निर्माण पर संज्ञान लिया है।

Created On :   11 July 2024 1:49 PM IST

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