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अनदेखी: आंगनवाड़ी घोटाला के दोषियों पर अपराध दर्ज करने में की जा रही लेटलतीफी
- सीईओ को रिपोर्ट देकर 5 दिन हो गए
- अभी तक नहीं की गई है कोई कार्रवाई
- जांच रिपोर्ट में 13 सीडीपीओ तथा सप्लायर दोषी मिले
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आंगनवाड़ी सामग्री आपूर्ति घोटाले में महिला व बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी (डिप्टी सीईओ) सहित 13 बाल विकास प्रकल्प अधिकारी (सीडीपीओ) तथा सप्लायरों को जांच में दोषी पाया गया है। मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी ने जांच पूरी कर अंतिम रिपोर्ट 4 दिन पहले सौंप दी। जिप अध्यक्ष मुक्ता कोकड्डे ने दोषियों के खिलाफ फौजदारी का अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से हो रही लेटलतीफी पर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
जांच का निष्कर्ष, 85 लाख रुपए वसूली पात्र : जांच कमेटी ने आंगनवाड़ी श्रेणीवर्धन निधि को कैसे ठिकाने लगाया, इसका बारीकी से अध्ययन किया। एक-एक दस्तावेज को खंगाला गया। आंगनवाड़ी सामग्री खरीदी पर खर्च 98 लाख रुपए में से 85.0 लाख रुपए वसूली पात्र ठहराए गए है। प्रशासकीय व तकनीकी मंजूरी लिए खरीदी, प्रकल्प स्तर पर हुई खरीदी प्रक्रिया में सभी प्रकल्पों में एक समान कोटेशन पाए जाने पर महिला व बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी की सक्रिय भूमिका, सामग्री का स्पेसिफिकेशन बिना सप्लाई, फायर एक्सटिंग्विशर की बिना लाइसेंस आपूर्ति, पुस्तक विक्रेता द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सामग्री आपूर्ति करने के निष्कर्ष पर पहुंची जांच कमेटी ने सीईओ को अंतिम रिपोर्ट सौंपी है।
उचित कार्रवाई की जाएगी : जांच कमेटी ने अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में जिन्हें दोषी पाया गया है, उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। -सौम्या शर्मा, सीईओ, जिप
अभी तक दिशा-निर्देश नहीं : कमेटी की रिपोर्ट सीईओ के पास भेजी गई है। आगे की कार्रवाई के संबंध में अभी तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। सीईओ से जो दिशा-निर्देश मिलेंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। -विपुल जाधव, डिप्टी सीईओ, सामान्य प्रशासन विभाग, जिप
Created On :   29 May 2024 4:56 PM IST