अदालत: प्रतिबंधित पीएफआई से जुड़े दो आरोपियों को हाईकोर्ट से मिली डिफॉल्ट बेल

प्रतिबंधित पीएफआई से जुड़े दो आरोपियों को हाईकोर्ट से मिली डिफॉल्ट बेल
  • विशेष एनआईए अदालत का था फैसला
  • विशेष एनआईए अदालत ने याचिका की थी खारिज

डिजिटल डेस्क, मुंबई. हाईकोर्ट से सोमवार को प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े दो आरोपियों को डिफॉल्ट जमानत मिल गई। विशेष एनआईए अदालत ने उनकी डिफाल्ट जमानत की याचिका खारिज कर दी थी। महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 22 सितंबर 2022 को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की पीठ के समक्ष मोमिन मोइउद्दीन गुलाम हसन उर्फ मोइन मिस्त्री और आसिफ अमीनुल हुसैन खान अधिकारी की ओर से वकील हसनैन काजी और वकील श्रद्धा वाव्हल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं के वकील हसनैन काजी ने दलील दिया कि एटीएस ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के 90 दिनों के बाद आरोप पत्र दाखिल करने के लिए पहला विस्तार मांगा था। उन्होंने विस्तार के लिए जब्त गैजेट से डेटा प्राप्त करने और नामित प्राधिकारी से अभियोजन स्वीकृति प्राप्त करने का हवाला दिया था।

विशेष एनआईए अदालत से एटीएस को 30 दिनों का विस्तार दिया था। इसके बाद 15 दिनों के लिए और विस्तार दिया गया था। यह गलत था।आरोप पत्र दाखिल करने के लिए विस्तार केवल तभी मांगा जा सकता है, जब जांच पूरी नहीं हुई हो। याचिकाकर्ताओं को डिफॉल्ट जमानत दी जानी चाहिए। पीठ ने अपील को स्वीकार करते हुए आरोपियों को जमानत दे दी। इससे पहले विशेष एनआईए अदालत ने पिछले साल 18 जनवरी को उनकी डिफाल्ट जमानत याचिका खारिज कर दी थी। पीएफआई के सदस्यों पर भारत में इस्लामिक स्टेट स्थापित करने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और समुदायों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने का आरोप है।

Created On :   15 July 2024 3:35 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story