रणनीति: महाविकास आघाड़ी के न्याय पत्र में होगा किसानों की कर्ज माफी का वादा, संयुक्त घोषणा पत्र

महाविकास आघाड़ी के न्याय पत्र में होगा किसानों की कर्ज माफी का वादा, संयुक्त घोषणा पत्र
तीनों की पार्टियां जारी करेंगी संयुक्त घोषणा पत्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई. इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाडी के तीनों दलों कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव) और राकांपा (शरद) ने अपना घोषणा पत्र अलग-अलग जारी किया था। लेकिन तीनों ही दलों के घोषणा पत्र में मुद्दे लगभग एक जैसे ही थे। खबर है कि आगामी विधानसभा चुनाव में तीनों ही दल संयुक्त घोषणा पत्र जारी करने पर विचार कर रहे हैं, जिसे न्याय पत्र नाम दिया जा सकता है। महाआघाडी के तीनों दल घोषणा पत्र के मसौदों को लेकर तैयारी में जुटे हुए हैं। तीनों ही दलों ने किसानों की कर्ज माफी को अपने घोषणा पत्र में शामिल करने का फैसला कर लिया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राज्य के किसान हमारे अन्नदाता हैं, लेकिन महायुति की मौजूदा सरकार अन्नदाता को कर्ज के तले धकेलती जा रही है। पटोले ने कहा कि राज्य में पहले सूखे की स्थिति और उसके बाद अब बाढ़ ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है। हम राज्य की महायुति सरकार से कई बार मांग कर चुके हैं कि कर्ज के बोझ के तले महाराष्ट्र के हजारों किसानों को राहत दी जाए, लेकिन सरकार को किसानों के हित के बारे में सोचने के लिए समय नहीं है। उन्होंने कहा कि युति सरकार के कार्यकाल के दौरान हजारों किसान आत्महत्या कर चुके हैं, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। पटोले ने कहा कि राज्य में हमारी सरकार आने के बाद हम किसानों की कर्ज माफी का फैसला सबसे पहले करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के कर्ज माफी के मुद्दे को पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा।

राकांपा (शरद) मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी तीनों ही दलों का एक जैसा घोषणा पत्र होगा। जिसमें किसानों के मुद्दे प्रमुखता के साथ होंगे। तपासे ने कहा कि राज्य के किसान अपनी मांगों को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं लेकिन महायुति की सरकार ने कभी भी किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से नहीं लिया। राज्य सरकार लोकलुभावन वादे के साथ चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन हमारी पार्टी और आघाडी के सहयोगी दल किसानों के साथ खड़े हैं। हमारी सरकार आने पर किसानों को हर संभव मदद दी जाएगी।

घोषणा पत्र में सिर्फ घोषणाएं होती हैं- पावसकर

महाविकास आघाडी के घोषणा पत्र में कर्ज माफी के मुद्दे के शामिल होने की खबर पर शिवसेना (शिंदे) प्रवक्ता किरण पावसकर ने कहा कि दरअसल आघाडी की राज्य में सरकार ही नहीं आने वाली है, इसलिए वह इस तरह के बड़े-बड़े मुद्दे घोषणा पत्र में शामिल कर रहे हैं। पावसकर ने कहा कि घोषणा पत्र में सिर्फ घोषणाएं होती हैं, बाकी कुछ नहीं होता। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पहले ही किसानों को पेंशन और अन्य योजनाएं दे रही है, इसलिए राज्य के किसान आघाडी के दलों के बहकावे में नहीं आने वाले हैं।

Created On :   15 Sept 2024 9:06 PM IST

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