सेहत का मामला: मनपा अस्पतालों में जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी चरणबद्ध तरीके से होगी लागू

मनपा अस्पतालों में जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी चरणबद्ध तरीके से होगी लागू
  • नीति को दो चरण में लागू करने की चर्चा
  • गरीब मरीजों पर इलाज का बोझ कम करने
  • अस्पताल में ही मिलेगी दवाइयां

डिजिटल डेस्क, मंबई। मुंबई महानगर पालिका द्वारा संचालित अस्पतालों में आनेवाले मरीजों को बाहर से दवा न खरीदनी पड़े इसके लिए मनपा प्रशासन ने जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी लागू करने की घोषणा की थी। घोषणा होने के 8 महीने बाद भी इसके लागू होने की संभावना कम ही दिखाई दे रही है। जबकि मनपा प्रशासन इस नीति को दो चरण में लागू करने की बात कह रहा है।

मनपा अस्पतालों में मुंबई के अलावा दूर-दराज से मरीज इलाज के लिए आते हैं। इन्हें इलाज के दौरान मनपा शेड्यूल में जो दवाइयां नहीं होती हैं ऐसी अधिकांश दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती हैं, ऐसे में मरीजों की जेब पर बोझ पड़ता है। बीते वर्ष मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केईएम अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था, इस दौरान कई मरीजों ने बाहर से दवाइयां खरीदने की दिक्कत बताई थी। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने गरीब मरीजों पर इलाज का बोझ कम करने के लिए पिछले वर्ष ही जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी लागू करने की घोषणा की थी।

दो बार चूकी है डेडलाइन : मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद 15 जनवरी से इस पॉलिसी को लागू करना था। लेकिन मनपा के केंद्रीय खरीदारी विभाग के पास अस्पतालों से दवाइयों की सूची पहुंचने में देरी होने के कारण यह लागू नहीं हो पाई। इसके बाद मनपा ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में इसे 1 अप्रैल से लागू करने की घोषणा की थी। लेकिन निविदा प्रक्रिया पूरी न होने और आचार संहिता लागू होने से मामला फिर लटक गया।

पांच हजार सामग्री नई सूची में : मौजूदा समय में मनपा के शेड्यूल में बुखार, खांसी, दर्द निवारक दवा, इंजेक्शन आदि जैसी 1600 वस्तुएं हैं। जो मनपा खरीदकर मरीजों को मुफ्त में मुहैया कराती है। लेकिन जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी के तहत नई दवाइयां और सर्जरी सामग्री को जोड़ा गया है जिसकी संख्या मनपा शेड्यूल में बढ़कर 5 हजार हो गई है।

दो चरण में लागू होगी नीति : मनपा के खरीदी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 4,000 से 5,000 वस्तुओं के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो गई है। दवाइयों व सर्जिकल सामग्री की 13 अनुसूचियां हैं ऐसे में सभी सामग्री एक बार में उपलब्ध कराना संभव नहीं है। इसलिए यह चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी।

इतने आते हैं मरीज : मुंबई मनपा 4 मेडिकल कॉलेज, 1 डेंटल कॉलेज, 16 उपनगरीय अस्पताल, 5 विशेष अस्पताल, 30 प्रसूति अस्पताल, 192 डिस्पेंसरी चलाई जा रही हैं। इसके अलावा 202 हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे "आपला दवाखाना" भी कार्यरत है। इन प्रमुख अस्पतालों में 7100 बेड, उपनगरीय अस्पतालों में 4000 बेड, विशेष अस्पतालों में 3000 बेड को मिलाकर लगभग 15 हजार बेड हैं। इन अस्पतालों में प्रतिदिन 50,000 से अधिक मरीज ओपीडी सेवाओं से लाभान्वित होते हैं साथ ही, सालाना औसतन 30 लाख से अधिक मरीज अंतर-रोगी सेवाओं से लाभान्वित होते हैं।

Created On :   3 Aug 2024 7:56 PM IST

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