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मुंबई: शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी से फिलहाल राहत, मुख्य चुनाव अधिकारी ने जारी किया आदेश
- शिक्षक संगठनों और राजनीतिक दलों ने किया था विरोध
- शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी से फिलहाल राहत मिली
डिजिटल डेस्क, मुंबई. परीक्षा के दौरान मुंबई के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी से राहत दे दी गई है। शिक्षक संगठनों और राजनीतिक दलों की ओर से लगातार विरोध के बाद राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी श्रीकांत देशपांडे ने इससे जुड़ा आदेश जारी किया है। मुंबई महानगर पालिका आयुक्त, मुंबई शहर और उपनगर के जिलाधिकारी और जिला चुनाव अधिकारी को कहा है कि कुल 13 सरकारी और अर्धसरकारी विभागों के वर्ग चार के कर्मचारियों को ‘बूथ लेवल ऑफीसर’ (बीएलओ) नियुक्त किया जा सकता है। देशपांडे ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा के मद्देनजर निर्देश दिए हैं कि शिक्षा के काम में लगे शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी से छुट्टी दी जाए और उनकी जगह दूसरे लोगों को नियुक्त किया जाएगा। देशपांडे ने महाराष्ट्र नव निर्माण सेना और शिक्षक विधायक कपिल पाटील के इस संदर्भ में लिखे गए पत्रों से साथ सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का हवाला देते हुए शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी से मुक्त करने की बात कही है। साथ ही कहा है कि जब शिक्षकों के पास शिक्षा से जुड़े काम न हों तभी उन्हें चुनावी ड्यूटी पर लगाया जाए।
शैक्षणिक काम हो रहा प्रभावित
शिक्षक भारती के कार्याध्यक्ष सुभाष मोरे ने कहा कि बड़ी संख्या में शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी पर लगाए जाने से शिक्षा से जुड़े काम प्रभावित हो रहे थे, मुझे चुनाव आयोग के फैसले से खुशी है। शिक्षक सभा के महासचिव शरद सिंह ने कहा कि बोरिवली, दहिसर जैसे कुछ इलाकों में ही अभी शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी से मुक्त किया गया है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर अब भी उनसे काम लिया जा रहा है।
साफ नहीं है आदेश, अब भी पूरी राहत नहीं
भाजपा से जुड़े शिक्षक नेता अनिल बोरनारे ने कहा कि मुख्य चुनाव अधिकारी ने जो आदेश दिया है वह स्पष्ट नहीं है। पत्र में ऐसे समय शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी पर लगाए जाने की बात कही गई है जब उनके पास शैक्षणिक काम न हो इसलिए यह आधा अधूरा आदेश है। बोरनारे ने कहा कि इस मुद्दे पर हम सोमवार को मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे। मुंबई महानगर पालिका के मुंबई शिक्षक सेना से जुड़े केपी नाईक ने भी कहा कि शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी पर लगाए रखने की गुंजाइश अब भी बची हुई है इसलिए आदेश से हमें ज्यादा खुशी नहीं हुई।
Created On :   23 Feb 2024 9:22 PM IST