कामकाज पर सवाल: सीपीसीबी की कार्रवाई की चेतावनी के बाद जागे चीनी मिल मालिक

सीपीसीबी की कार्रवाई की चेतावनी के बाद जागे चीनी मिल मालिक
  • 19 चीनी मिलों ने ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए
  • सीपीसीबी के कामकाज पर उठे सवाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कुछ दिन पहले राज्य के 44 चीनी मिलों को बंद करने का नोटिस जारी किया था। इस संबंध में 'दैनिक भास्कर' ने 28 अक्टूबर को इसी संदर्भ में खबर प्रकाशित की थी। अब दैनिक भास्कर की खबर का असर हुआ है। सीपीसीबी के नोटिस के बाद जिन 44 चीनी मिलों में से 25 चालू चीनी मिलों पर बंद होने का खतरा बना हुआ था उनमें से 19 चीनी मिलों ने ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लगा दिया है। जिससे गन्ना के सीजन में इन मिलों के बंद होने का खतरा टल गया है। हालांकि अभी भी 6 मिलों ने इस संबंध में सीपीसीबी के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है।

महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के एक अधिकारी ने रविवार को 'दैनिक भास्कर' को बताया कि राज्य के जिन 25 चालू कारखानों को बंद करने के लिए एमपीसीबी ने कार्रवाई शुरू की थी उनमें से 19 चीनी मिलों ने रविवार शाम तक ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने की जानकारी और जरूरी कागजात केंद्रीय और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेज दिए हैं। लेकिन अभी भी 6 चीनी मिल ऐसे हैं जिन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है। अगर इन 6 चीनी मिलों ने 10 नवंबर तक एमपीसीबी या सीपीसीबी को ऑनलाइन मॉनिटरिंग की सुविधा लागू करने की जानकारी नहीं दी तो फिर यह सभी छह चीनी मिल 10 नवंबर के बाद कारखाना चालू नहीं कर सकेंगे।

सीपीसीबी के कामकाज पर उठे सवाल

दरअसल सीपीसीबी ने राज्य के 45 चीनी मिलों को ऑनलाइन मॉनिटरिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं कराने को लेकर नोटिस भेजा था। जिन 45 चीनी मिलों को यह नोटिस भेजा गया था उनमें से एक चीनी मिल को दो बार नोटिस भेजा गया था ऐसे में सीपीसीबी के कामकाज पर भी सवाल उठ रहे हैं। साथ ही सीपीसीबी ने राज्य के उन 19 चीनी मिलों को बंद करने का नोटिस भेजा था जो पिछले 10 साल से बंद है। ऐसे में सवाल उठता है कि जो चीनी मिल पिछले 10 साल से बंद है उनको ऑनलाइन मॉनिटरिंग की सुविधा लगाने का नोटिस क्यों भेजा गया। एमपीसीबी के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सीपीसीबी ने जिन बंद चीनी मिलों को नोटिस भेजा है यह समझ से परे है। इस पर सीपीसीबी के अधिकारी ही ज्यादा सफाई दे सकते हैं।

Created On :   29 Oct 2023 8:00 PM IST

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