कामा अस्पताल: अध्ययन में हुआ खुलासा - अनियमित माहवारी से पीड़ित महिलाओं को गर्भाशय के कैंसर का खतरा

अध्ययन में हुआ खुलासा - अनियमित माहवारी से पीड़ित महिलाओं को गर्भाशय के कैंसर का खतरा
  • इलाज के लिए आनेवाली 100 महिलाओं पर अध्ययन रिपोर्ट
  • कामा अस्पताल के डॉक्टरों के अध्ययन में हुआ खुलासा

डिजिटल डेस्क, मुंबई. ढलती उम्र के साथ महिलाओं में कई स्वास्थ्य समस्याएं सामने आती हैं। इन्हीं में से एक है अनियमित माहवारी। इस अनियमित माहवारी के कारण महिलाएं गर्भाशय कैंसर की चपेट में आ रही हैं। यह राज्य सरकार द्वारा संचालित कामा एंड अलब्लेस अस्पताल द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आया है। इस अध्ययन में शामिल महिलाओं में से 2 फीसदी महिलाएं गर्भाशय के कैंसर से पीड़ित पाई गई हैं. राज्य सरकार द्वारा संचालित कामा एंड अलब्लेस अस्पताल महिला और बच्चों के रोगों के इलाज के लिए काफी प्रसिद्ध है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. तुषार पालवे ने ढलती उम्र की महिलाओं में माहवारी की शिकायत से होनेवाली बीमारियों का पता लगाने के लिए एक अध्ययन किया था। यह अध्ययन 40 साल से ज्यादा आयु वर्ग की महिलाओं पर किया गया था। यह अध्ययन अस्पताल में इलाज के लिए आनेवाली 100 महिलाओं पर किया गया था। इसमें 40 फीसदी महिलाएं 40 से 44 आयु वर्ग की, 46 फीसदी महिलाएं 45 से अधिक आयु वर्ग की और 14 फीसदी महिलाएं 50 से अधिक आयु वर्ग की थीं। यह अध्ययन करीब एक वर्ष तक किया गया। अध्ययन में शामिल 40 फीसदी महिलाओं को रक्तस्राव की शिकायत थी।

यह बीमारी पाई गई

डॉ. तुषार नेबताया कि अध्ययन में शामिल महिलाओं की बॉयोप्सी की गई थी। इसमें 18 फीसदी महिलाओं की बच्चेदानी में सूजन पाई गई थी। जबकि 5 फीसदी महिलाओं की बच्चेदानी के अंदर गांठ और 5 फीसदी महिलाओं की बच्चेदानी के बाहर गांठ पाई गई। इसके अलावा 2 फीसदी महिलाएं गर्भाशय कैंसर से पीड़ित पाई गईं। इसी तरह 16 फीसदी महिलाएं बच्चेदानी के मुंह के इंफेक्शन से ग्रसित पाई गईं।

न करें नजरअंदाज

डॉ. तुषार ने बताया कि 40 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं में ज्यादातर समस्या माहवारी, मोटापा, हाइपर टेंशन, डायबिटीज और हाइपोथायरॉइड की पाई जाती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को इन सब बीमारियों को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि देश में महिलाओं में गर्भाशय के कैंसर के ज्यादा मामले पाए जा रहे हैं। महिलाओं में बढ़नेवाले कैंसर में यह दूसरे नंबर पर है।

Created On :   27 Jun 2024 10:07 PM IST

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