प्रस्ताव होगा पेश: राज्य में कक्षा 9 वीं और 10 वीं के विद्यार्थियों को मिलेगा मध्यान्ह भोजन

राज्य में कक्षा 9 वीं और 10 वीं के विद्यार्थियों को मिलेगा मध्यान्ह भोजन
  • मुख्यमंत्री शिंदे ने मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पेश करने दिए निर्देश
  • कक्षा 9 वीं और 10 वीं के विद्यार्थियों को मिलेगा मध्यान्ह भोजन

डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब कक्षा 9 वीं और कक्षा 10 वीं के विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अमृत आहार योजना शहरी इलाकों में लागू करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल राज्य में कक्षा 8 वीं तक के विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन दिया जाता है। राज्य के आदिवासी इलाकों में कुपोषण को कम करने के लिए गठित की गई टास्क फोर्स की पहली बैठक गुरुवार को सह्याद्रि गेस्ट हाउस में आयोजित की गई थी। इस बैठक में टास्क फोर्स के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व स्वास्थ्य डॉ. दीपक सावंत ने अपनी पहली रिपोर्ट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सुपुर्द की है। अपनी रिपोर्ट में कुपोषण को नियंत्रित करने के लिए टास्क फोर्स द्वारा कई सिफारिश की है।

इन सिफारिशों को प्रभावी रूप से अमल में लाने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कुपोषण से जुड़े कार्यक्रमों में सरपंचों की भागीदारी बढ़ाने के साथ-साथ आदिवासी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कुपोषण को लेकर शिविर लगाने का भी निर्देश दिया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के विकास में सरपंच की बड़ी भूमिका होती है। सरपंचों को भी अपने-अपने गांवों और जिलों में कुपोषण कम करने में शामिल होने की जरूरत है। शिविरों के माध्यम से प्रशासन को समय रहते कुपोषित महिलाओं और बच्चों की जानकारी मिल सकेगी और तत्काल उपाय किये जा सकेंगे। टास्क फोर्स द्वारा दिए गए कुछ सुझावों को अमल में लाया गया है जिसके तहत गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले एक समय के भोजन की दर 35 रुपये से बढ़ाकर 45 रुपये कर दी गई है। जबकि मध्यम कुपोषित बच्चों के लिए अतिरिक्त पोषक आहार कार्यक्रम शुरू किया गया है।

कुपोषण में आयी कमी

विभाग की ओर से प्रारंभिक प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि पिछले तीन वर्षों में आदिवासी क्षेत्रों में कुपोषण की दर 1.82 प्रतिशत से घटकर 1.62 प्रतिशत हो गयी है तथा राज्य के शेष हिस्सों में कुपोषण की दर 1.43 प्रतिशत से घटकर 1.22 प्रतिशत हो गयी है। इस अवसर पर यह भी जानकारी दी गई कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा स्वयंसेवकों और आयुष के साथ-साथ सरपंचों के समन्वय से स्वास्थ्य और पोषण सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

अन्य शिफारिश

- आदिवासी भाषाओं में अनुवादित पोषण वीडियो का वितरण

- पोषण ट्रैकर्स का विश्लेषण

- गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए ग्रामीण बाल विकास केंद्रों की दरों में सुधार

- मध्यम कुपोषित बच्चों पर ध्यान और पूरक पोषण, - बाल पोषण पर जानकारी

- प्रति आश्रम स्कूल में एक नर्स और खेल शिक्षकों की नियुक्ति

- किशोरियों की हीमोग्लोबिन जांच के लिए डिजिटल मीटर उपलब्ध कराने

- गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोलियों की जगह एमएमएस देने

Created On :   1 Feb 2024 9:12 PM IST

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