तकनीक: मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन के परिचालन की सुरक्षा के किए जा रहे पुख्ता इंतजाम

मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन के परिचालन की सुरक्षा के किए जा रहे पुख्ता इंतजाम
  • विभिन्न ठिकानों पर लगेंगे 28 एडवांस भूकंपमापी यंत्र
  • महाराष्ट्र में 8, गुजरात में 14 शिंकानसेन तकनीकी से लैस यंत्र लगेंगे
  • सुरक्षा के किए जा रहे पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का निर्माण तेज गति से जारी है। बुलेट ट्रेन अपने स्पीड के लिए जानी जाती है। इस प्रोजेक्ट की कई विशेषताएं हैं, इसमें एक खासियत यह भी है कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन जिस रूट से गुजरेगी उस क्षेत्र में यदि भूकंप आता है तो इसका पहले ही पता चल जाएगा। जिससे भूकंप से बुलेट ट्रेन सुरक्षित रहेगी। दरअसल नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (एनएचएसआरसीएल) द्वारा बुलेट ट्रेन के रूट पर भूकंप के पूर्वानुमान के लिए प्रारंभिक जांच प्रणाली (सिस्मो मीटर या भूकंपमापी) लगाई जाएगी। मुंबई से अहमदाबाद के बीच कुल 508 किमी मार्ग पर 28 एडवांस भूकंप डिटेक्टर यंत्र लगाए जाएंगे। इनमें से 8 यंत्र महाराष्ट्र में और 14 गुजरात में लगाए जाएंगे। ताकि भूकंप के दौरान यात्रियों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह सभी यंत्र जापान की शिंकानसेन तकनीक से लैस होंगे।

ये है यंत्र की खासियत

जापानी शिंकानसेन तकनीक पर आधारित यह प्रारंभिक भूकंप जांच प्रणाली, प्राथमिक तरंगों के माध्यम से भूकंप-प्रेरित झटकों का पता लगाएगी और स्वचालित बिजली बंद करने में सक्षम करेगी। बिजली बंद होने का पता चलने पर आपातकालीन ब्रेक सक्रिय हो जाएंगे और प्रभावित क्षेत्र में चलने वाली ट्रेनें रुक जाएंगी।

यहां लगाए जाएंगे यंत्र

28 सिस्मो मीटर में से 22 यंत्र बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर लगेंगे। इनमें से आठ महाराष्ट्र में होंगे- यह यंत्र मुंबई, ठाणे, विरार और बोइसर में लगेंगे, जबकि चौदह गुजरात में- वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, महेमदाबाद और अहमदाबाद में लगाए जाएंगे। बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के साथ ट्रैक्शन सब-स्टेशनों और स्विचिंग पोस्ट में ये सीस्मोमीटर स्थापित किए जाएंगे।

भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में भी लगेंगे

शेष छह सीस्मोमीटर भूकंप संभावित क्षेत्रों – महाराष्ट्र में खेड़, रत्नागिरी, लातूर और पांगरी और गुजरात में अदेसार और पुराने भुज में स्थापित किए जाएंगे।

एमएएचएसआर कॉरिडोर के पास के क्षेत्र, जहां पिछले 100 वर्षों में 5.5 तीव्रता से अधिक के भूकंप आए हैं, जापानी विशेषज्ञों द्वारा सर्वेक्षण किया गया था। सूक्ष्म कंपन परीक्षण के माध्यम से विस्तृत सर्वेक्षण और मिट्टी की उपयुक्तता अध्ययन के बाद, उपरोक्त स्थलों का चयन किया गया था।

भूकंपमापी उपकरण इस ट्रैक को सुरक्षा प्रदान करेंगे

अंजुम परवेज ,मैनेजिंग डायरेक्टर, हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन के मुताबिक मुंबई और अहमदाबाद के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर जापान की शिंकानसेन तकनीक से निर्मित 28 भूकंपमापी उपकरण इस ट्रैक को सुरक्षा प्रदान करेंगे। यह प्रणाली भूकंप आशंकित क्षेत्रों में स्थित अलाइनमेंट के साथ लगाए जाएगे। भूकंप के प्रथम संकेत के मिलते ही यह उपकरण सक्रिय हो जाता है। यह उपकरण ऑटो पॉवर कट मॉडल पर काम करते हैं। भूकंप के संकेत मिलते ही सर्वप्रथम पॉवर सब-स्टेशन की सप्लाई कट हो जाएगी। जिससे ट्रेन की बिजली आपूर्ति बंद हो जाएगी और ट्रेन का आपातकालीन ब्रेक सक्रिय हो जाएगा और ट्रेन रुक जाएगी।

Created On :   29 Jan 2024 9:10 PM IST

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