Mumbai News: शिंदे का दावा - जो काम पहले 15 दिनों में होते थे अब 5 दिनों में हो रहे, उधर ओएसडी की नियुक्ति रुकी

शिंदे का दावा - जो काम पहले 15 दिनों में होते थे अब 5 दिनों में हो रहे, उधर ओएसडी की नियुक्ति रुकी
  • मंत्रियों के 100 दिनों के कामकाज को लेकर मुख्यमंत्री फडणवीस ने की बैठक
  • शिवसेना (शिंदे) के पांच मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी की सीएमओ ने नियुक्ति रोकी

Mumbai News. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में गुरुवार को सह्याद्री अतिथि गृह में दोनों उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार की मौजूदगी में सरकार के 100 दिनों के कामकाज के रोड मैप को लेकर बैठक हुई। इस बैठक में मंत्रियों के विभागों के विकास कार्य और उसकी रिपोर्ट तैयार करने को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि 100 दिनों के कामकाज को लेकर जो बैठक हुई है उसमें राज्य के विकास को लेकर चर्चा हुई है। शिंदे ने कहा कि सभी विभागों में समन्वय बनाया जा रहा है। सरकार ने रफ्तार पकड़ ली है। जो काम पहले 15 दिनों में होते थे, अब वह पांच दिनों में हो रहे हैं। इससे न केवल समय की बचत हो रही है बल्कि सरकार का काम भी तेजी से हो रहा है. मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही फडणवीस ने अपने सभी विभागों के मंत्रियों के साथ बैठक कर इनसे अगले 100 दिनों के कामकाज का रोड मैप तैयार करने के लिए कहा था। इसके साथ ही फडणवीस ने अपने सभी मंत्रियों को हिदायत भी दी थी कि वह कम से कम मंत्रालय में तीन दिन रहकर अपने-अपने विभागों के कार्यों का जायजा लेते रहें। इससे सैकड़ों की संख्या में हर रोज मंत्रालय पहुंच रहे लोगों के काम समय पर हो सकेंगे। सूत्रों का कहना है कि अगले महीने सरकार के 100 दिन पूरे होने जा रहे हैं। खबर है कि मुख्यमंत्री इस मौके पर सभी मंत्रियों का 100 दिनों का रिपोर्ट कार्ड भी जारी कर सकते हैं।

कई मंत्री अभी भी केबिन के इंतजार में

फडणवीस सरकार के कार्यकाल को लगभग 3 महीने का समय होने जा रहा है लेकिन अभी भी कई मंत्रियों के केबिन का निर्माण कार्य नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से यह मंत्री अपने केबिन में नहीं बैठ पा रहे हैं। कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे और गृह राज्य मंत्री योगेश कदम के केबिन का निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है। जिसकी वजह से इन मंत्रियों को उनके विभाग के कार्य निपटाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

शिवसेना (शिंदे) के पांच मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी की सीएमओ ने नियुक्ति रोकी

उधर महाराष्ट्र के जिन मंत्रियों के 16 निजी सचिव और विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) की नियुक्ति मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते नहीं की है, उनमें शिवसेना (शिंदे) के पांच मंत्री शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत, पर्यटन मंत्री शंभूराज देसाई, जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटील एवं जल संरक्षण मंत्री संजय राठौड़ शामिल हैं। इन मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी पर पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान गलत गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लग चुके हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने इन मंत्रियों के अधिकारियों की नियुक्ति को हरी झंडी नहीं दी है। हालांकि इसको लेकर मंत्रियों ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समक्ष नाराजगी जताई है। दरअसल मुख्यमंत्री फडणवीस ने जिन 16 निजी सचिव और ओएसडी की नियुक्ति को जब से मंजूरी नहीं देने का फैसला किया है, उसके बाद से विपक्ष शिंदे गुट पर हमलावर है। यहां तक कि शिवसेना (उद्धव) सांसद संजय राऊत फडणवीस के इस फैसले की तारीफ भी कर चुके हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ फडणवीस ने फैसला लेकर अपने सहयोगियों को सही जगह दिखाई है। शिंदे गुट के पांच मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी की नियुक्ति पर रोक लगाने के साथ-साथ अजित गुट के भी दो मंत्रियों के निजी सचिव की नियुक्ति को हरी झंडी नहीं दी गई है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने जिन विभागों के मंत्रियों के अधिकारियों की नियुक्ति को हरी झंडी नहीं दी है, उन्हें फिर से साफ एवं स्वच्छ छवि वाले अधिकारियों की लिस्ट भेजने को कहा है।

फडणवीस ने 16 लोगों को बताया था फिक्सर

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा था कि उनके सहयोगी मंत्रियों ने जो निजी सचिव और ओएसडी के नाम की सूची मेरे कार्यालय में भेजी है, उसमें 125 नाम में से 109 को मंजूरी दे दी गई है, जबकि 16 लोगों की नियुक्ति को इसलिए अस्वीकार कर दिया है, क्योंकि इन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं या मुकदमे चल रहे हैं। फडणवीस ने कहा था कि राज्य की स्वच्छ प्रशासनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसे व्यक्तियों को इन पदों पर नियुक्त नहीं किया जा सकता। हालांकि फडणवीस के इस फैसले पर कई मंत्रियों ने नाराजगी भी जताई थी।

Created On :   27 Feb 2025 10:14 PM IST

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