नवाचार: सऊदी अरब के मरीज का दर्द मुंबई में हुआ दूर, बिजली तरंग के जरिए हुआ ठीक

सऊदी अरब के मरीज का दर्द मुंबई में हुआ दूर, बिजली तरंग के जरिए हुआ ठीक
  • देश मे पहली बार हुई स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेटर थेरेपी
  • रिमोट कंट्रोल के जरिये कर पाएगा अपने दर्द नियंत्रित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सऊदी अरब के एक शेख (निवासी) को पैरों के असहनीय दर्द से आखिरकार मुंबई में निजात मिली है। इस दर्द को दूर करने के लिए डॉक्टर ने मरीज पर स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेटर थेरेपी की है। मरीज के फैंटम पेन (खोए हुए अंगों के हिस्सों में होनेवाला दर्द) के लिए की गई यह थैरेपी देश में पहली बार हुई है। इसमें विद्युत तरंग के जरिए दर्द को दूर किया जाता है। इस सफल थेरेपी के बाद मरीज वर्षों पहले बनाए गए अपने कृत्रिम पैरों का उपयोग कर पा रहा है। सऊदी अरब के 56 वर्षीय एकाउटेंट खालिद अली हुसैन अल-एसाई टाईप-2 मधुमेह और पेरिफेरल आर्टेरियल बीमारी से पीड़ित हैं। इनके पैरों की धमनियां संकुचित होने के कारण खून की सप्लाई बाधित हो गई थी। इसकी वजह से उन्हें गैंगरीन हो गया था और साल 2019 में उनका दाहिना पैर घुटने के नीचे से डॉक्टरों ने काट दिया था। इसके बाद भी उनकी तकलीफ दूर नहीं हुई। उन्हें जांघ (स्टंप) और कटे हुए हिस्से (फैंटम) में भी असहनीय दर्द का एहसास होने लगा। इसके चलते उनकी दैनिक गतिविधियां बंद हो गईं थीं, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता पर बहुत गहरा असर हुआ था। सऊदी अरब में दर्द से राहत न मिलने के बाद डॉक्टरों के सुझाव पर परिजन उन्हें मुंबई के जसलोक अस्पताल में भर्ती कराया।

एससीएस थेरेपी का किया गया इस्तेमाल

अस्पताल की दर्द प्रबंधन विशेषज्ञ डॉ. प्रीति दोषी ने बताया कि मरीज का पोस्ट-एंप्युटेशन दर्द गंभीर होने और मरीज मधुमेह से ग्रसित होने के कारण उनके दर्द के प्रबंधन में काफी चुनौतियां थीं। इन चुनौतियों को देखते हुए नई विधि स्पाइनल कॉर्ड स्टिम्युलेशन (एससीएस) थेरेपी का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि फैंटम दर्द को दूर करने के लिए देश में पहली बार इस थेरेपी का इस्तेमाल किया गया।

रिमोट कंट्रोल के जरिये मरीज दर्द को कर सकेगा दूर

डॉ. प्रीति के मुताबिक प्रयोग के सफल होने के बाद मरीज के दोनों पैरों का दर्द दूर करने के लिए विद्युत तरंग देनेवाले दो डिवाइस उसके शरीर के हिस्सों में ट्रांसप्लांट किया गया। इस डिवाइस का कंट्रोल रिमोट में शिफ्ट किया गया, जिसके चलते मरीज पैरों का दर्द अपने अनुसार कंट्रोल कर सकता है।

मरीज ने माना आभार

मरीज खालिद अली ने डॉक्टरों के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पैर कटने के बाद मैंने चलने-फिरने के लिए कृत्रिम पैर बनाया था। लेकिन दर्द के कारण उसे इस्तेमाल नहीं कर पा रहा था। अब दर्द से राहत मिलने के बाद कृत्रिम पैर के सहारे चलने-फिरने के साथ-साथ दर्द-रहित जीवन जी सकता हूं।

Created On :   29 Feb 2024 10:03 PM IST

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